भगवान श्री राम जी ने त्रेता युग में रावण का वध किया था। आप सभी जानते हैं कि रावण एक राक्षस ना होकर बहुत ही बड़े ज्ञानी पंडित माने जाते थे। भगवान श्री राम जी ने स्वयं लंका में जाकर महान रावण पंडित जी का वध किया था किंतु क्या आप जानते हैं कि रावण के घमंड के चलते ही उनका वध किया गया था। जब रावण मृत्यु लोक को जाने वाले थे उससे कुछ पल पहले भगवान श्री राम जी ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को अपने पास बुलाया और कहा कि जो इंसान मरने वाला है वह बहुत ही ज्ञानी पंडित है और काफी शक्तिशाली है। यदि तुम इनके पास जाकर इनसे कुछ ज्ञान हासिल करना चाहते हो तो कर लो यह तुम्हें वह ज्ञान देंगे जो ज्ञान कोई नहीं दे सकता। तब लक्ष्मण जी रावण के पास गए थे और उनसे कुछ ज्ञान की बातें बताने को कहा था तब रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें बताई थी और कहा था यदि इंसान अपने जीवन काल में इन तीन बातों का ध्यान रखें तो वह भविष्य में चलकर कभी भी असफल नहीं होगा।
आइए जानते हैं वह कौन सी तीन बातें हैं।
- यदि किसी इंसान को अपने जीवन में कोई शुभ कार्य करना हो तो उस कार्य को करने के लिए किसी भी प्रकार की देरी नहीं करनी चाहिए उसको वह कार्य जल्दी से जल्दी कर लेना चाहिए क्योंकि इसी में उस की भलाई होती है श्री राम जी को समझने में मैंने भी काफी देर कर दी थी जिसके कारण आज मेरी मृत्यु मुझे लेकर जा रही है।
- जीवन में किसी भी व्यक्ति को स्वच्छ एवं छोटा नहीं समझना चाहिए मैंने भी यह गलती अपने जीवन में एक करी और मनुष्य रूपी भगवान श्रीराम तथा वानर हनुमान जी को मैंने तुझ समझकर गलती करी जिसके कारण आज मैं अपने मृत्यु के द्वार पर खड़ा हूं और मृत्यु लोक की ओर जा रहा हूं।
- आखरी बात रावण ने लक्ष्मण को यह बताई है कभी भी अपने राज किसी को नहीं बताने चाहिए चाहे वह अपने धर्म का कोई सदस्य ही क्यों ना हो विभीषण मेरा भाई है सारे राज जानता था और सबसे बड़ी गलती वहीं था अगर यह राज मैंने किसी को नहीं बताया होता तो शायद आज मेरी मृत्यु नहीं होती।