अध्यात्म

शिव पर चढ़ी पूजन सामग्री का ना करें अपमान अन्यथा मिलेगा पाप, जानिए विसर्जन का सही तरीका

भगवान शिव जी के प्रिय महीने सावन में लोग इनकी पूजा-आराधना करते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो श्रावण मास में भगवान शिव जी की आराधना का विशेष महत्व माना गया है। इस पवित्र महीने में हर श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष पूजा करता है और पूजा के दौरान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए बहुत सी पूजन सामग्रियां अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जी का अभिषेक पूजा आदि करने से व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है। शिवजी की पूजा में अभिषेक, भस्म और बेलपत्र का विशेष महत्व माना गया है। ज्यादातर सभी मंदिरों और घर के अंदर सावन के सोमवार को भगवान शिव जी का विशेष शृंगार किया जाता है और बेलपत्र अर्पित करके इनकी पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि शिवलिंग पर अर्पित किए गए बेलपत्र, फूल आदि का विसर्जन किस प्रकार से किया जाना चाहिए?

ज्यादातर सभी लोगों को इस बात का पता नहीं होता है कि पूजा सामग्री का किस प्रकार से विसर्जन किया जाए। लोग जानकारी के अभाव में पूजन सामग्री इधर-उधर कहीं भी रख देते हैं। कुछ लोग नदी के तट पर ऐसे स्थान पर रख देते हैं जहां पर उनका अनादर होता है। शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो देवी-देवताओं पर अर्पित की गई पूजा सामग्री का अपमान करना घोर पाप माना जाता है। आज हम आपको पूजन सामग्री का किस प्रकार विसर्जन करना चाहिए? इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

पूजन सामग्री के विसर्जन का सही तरीका

  • सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालुओं को शिवजी की पूजा के पश्चात पूजन सामग्री के विसर्जन का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। आप भूल कर भी पूजन सामग्री किसी नदी तट या फिर बाग-बगीचे में ना रखें क्योंकि ऐसे स्थान पर इन चीजों का अनादर होता है। अगर आप ऐसी जगह पर सामग्री रखते हैं तो यहां पर आने जाने वाले लोगों का पैर पड़ सकता है जिसकी वजह से इन चीजों का अपमान होता है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि किस स्थान पर पूजा सामग्री का अनादर नहीं होगा।
  • आप भगवान शिव जी पर चढ़ी पूजन सामग्री को किसी पवित्र स्थान या बगीचे में गड्ढा खोदकर भूमि में दबा सकते हैं।
  • भगवान शिव जी पर चढ़ी हुई पूजा सामग्री के विसर्जन का सबसे उत्तम तरीका यह है कि आप इसको बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जहां पर आप यह पूजन सामग्री प्रवाहित कर रहे हैं, उस नदी का जल प्रदूषित नहीं होना चाहिए।

उपरोक्त शिव पूजन पर चढ़ी पूजन सामग्री का विसर्जन किस प्रकार करें? इसके बारे में जानकारी दी गई है। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि पूजन सामग्री का अपमान करना महापाप होता है। अतः इससे बचने के लिए आप उपरोक्त बताई गई बातों का ध्यान अवश्य रखें। अगर आप पाप से बचना चाहते हैं तो इसके केवल दो ही उपाय होते हैं। पहला उपाय यह है कि आप कम मात्रा में पूजन सामग्री का इस्तेमाल कीजिए और दूसरा उपाय यह है कि आप पूजन सामग्री का उत्तम रीती से विसर्जन कीजिए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button