क्यों सुहागिन महिलाएं अपने पैरों में पहनती है बिछियां? जानें इसके वैज्ञानिक कारण और लाभ
अक्सर आपने देखा होगा कि शादीशुदा महिलाएं अपने पैरों में बिछिया पहने हुए नजर आती है। जैसा कि भारत में अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोग रहते हैैं। ऐसे में हर धर्म और समुदाय का अपना एक अलग रिवाज है। वही हिंदू धर्म में विवाहित महिलाएं अपने पैरों में बिछिया पहनती है। बता दे बिछिया को अंगूठे के बगल वाले उंगली में पहना जाता है।
हालांकि कुछ महिलाएं अंगूठे में भी बिछिया पहनना पसंद करती है। लेकिन बहुत कम महिलाएं जानती है कि आखिर बिछिया क्यों पहनी जाती है और इसके पहनने के पीछे का कारण क्या है? तो आइए जानते हैं सुहागिन औरतें बिछिया क्यों पहनती है?
वैदिक युग से चला आ रहा है रिवाज
दरअसल, बिछिया पहनने का चलन वैदिक युग से ही चला आ रहा है। ऐसे में आज भी महिलाएं अपने पैरों में बिछिया पहनती है। इसके अलावा बिछिया पहनने के कई वैज्ञानिक कारण भी है। वही रामायण काल में भी बिछिया पहनने का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि भारतीय महाकाव्य रामायण में बिछिया की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका थी। दरअसल, जब रावण सीता का अपहरण करके ले गए थे तो उन्होंने भगवान राम की पहचान के लिए अपनी बिछिया को फेंक दिया था।
सोलह सिंगार का हिस्सा है बिछिया
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि, बिछिया दुल्हन के सोलह श्रृंगार का हिस्सा है। वही हिंदू धर्म में बिछिया पहनने का बहुत महत्व है। इतना ही नहीं बल्कि विवाहित महिला के लिए बिछिया बहुत जरूरी है। यह सिंदूर और मंगलसूत्र की तरह सुहाग की निशानी होती है और इसे लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। कहा जाता है कि जब एक महिला की बिछिया खो जाती तो उसे अशुभ माना जाता है। वहीं दुर्गा पूजा के दौरान देवी मां को भी सोलह श्रृंगार के साथ बिछिया पहनाई जाती है।
बिछिया पहनने का वैज्ञानिक कारण
विज्ञान के अनुसार देखा जाए तो जो महिलाएं बिछिया पहनती है तो उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। वहीं अंगूठे की बगल वाली उंगली में बिछिया पहनना एक्यूप्रेशर का काम करती है। दरअसल इस उंगली की नसें सीधे हृदय और महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी होती है। ऐसे में यदि उस उंगली की नसों पर दबाव पड़ता है तो नसों में खून का संचार सही तरीके से होता है।
साथ ही ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा यदि किसी महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या हो तो इसका भी समाधान हो सकता है। इसके अलावा कहा जाता है कि बिछिया पहनने से थायराइड की संभावना भी कम हो जाती है। वहीं महिलाओं का हार्मोनल सिस्टम भी सही रूप से काम करता है।
चांदी की बिछिया पहनने के होते हैं कई लाभ
वैसे तो ज्यादातर महिलाएं अपने पैरों में चांदी की बिछाई पहनना पसंद करती है। हालांकि कुछ महिलाएं सोने की बिछिया भी पहन लेती है। लेकिन कहा जाता है कि कमर के नीचे सोने के आभूषण पहनने से देवी लक्ष्मी का अपमान होता है। ऐसे में पैरों में हमेशा चांदी की बिछिया ही पहनी जाती है। दरअसल चांदी को विद्युत सुचालक माना जाता है।
चांदी की बिछिया पहनने से हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जिससे महिलाएं सुखद महसूस करती है। वही नकारात्मक विचारों से भी दूर रहती है। जबकि सोने की बिछिया पहनने से शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब होता है और कई तरह के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।