सुहाग’रात का कमरा फूलों से क्यों सजाया जाता है? जाने इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
शादी एक पवित्र बंधन होता है। इस दौरान हिंदू धर्म में कई तरह के रीति रिवाज निभाए जाते हैं। हर परंपरा के पीछे एक कारण भी होता है। शादी के बाद दुलह-दुल्हन सुहागरात मनाते हैं। इस दौरान दुल्हन के लिए बेडरूम को फूलों से सजाया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों करते हैं? क्या आप इसकी असली वजह जानते हैं? शर्त लगा लो, आप में से 99% लोगों को इसका असली कारण नहीं पता है।
इस कारण सुहागरात पर फूलों से सजाते हैं दुल्हन का कमरा
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागरात पर दुल्हन के कमरे को फूलों से सजाने पर उसकी शादीशुदा जिंदगी भी इन फूलों की तरह महकती है। दूल्हा-दुल्हन की पहली रात की शुरुआत एक खुशबूदार माहौल में होती है। इसके बाद इन दोनों का रिश्ता आजीवन ऐसा ही महकता रहता है।
2. फूल माहौल को रोमांटिक बनाने में भी मदद करते हैं। इन्हें अपने आसपास देखकर, इन्हें छूकर और इनकी सुगंध तो महसूस कर इंसान और भी ज्यादा रोमांटिक हो जाता है। यह फूल इंसान की कामेच्छा को और बढ़ाते हैं। इससे दूल्हा और दुल्हन की सुहागरात जोश और रोमांस से भरी रहती है।
3. माना जाता है कि फूल दूल्हा-दुल्हन के जीवन में मिठास और प्यार का रंग घोलते हैं। इसलिए कुछ लोग इन फूलों के साथ कमरे में मिठाई भी रखते हैं। इन फूलों से निकली पॉजिटिव एनर्जी दूल्हा-दुल्हन को रातभर तरोताजा रखती है। वह एक सकारात्मक माहौल में संबंध बनाते हैं। यह चीज इनके रिश्ते को और मजबूत करती है।
4. सुहागरात के कमरे में वैसे तो कई प्रकार के फूल लगाए जाते हैं। लेकिन इस दिन गुलाब के फूलों का खास महत्व होता है। गुलाब पूरी दुनिया में प्यार का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सुहागरात का डेकोरेशन लाल रंग के गुलाब के बिना अधूरा है। वैसे आप चाहें तो लैवेंडर की खुशबू के इत्र का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे माहौल और भी रोमांटिक और दिलकश बन जाएगा।
5. शादी के बाद दुल्हन अपना घर छोड़कर एक नए घर में आती है। यहां आने से पहले उसके मन में डर और नर्वसनेस रहती है। ऐसे में यदि हम उसका बेडरूम फूलों से सजा दें तो उसका उदास मन खुश हो जाता है। वह अपना ये शानदार वेलकम देख खुश हो जाती है। उसे स्पेशल होने का एहसास होता है। इससे उसका न सिर्फ दूल्हे से, बल्कि घर के हर सदस्य से लगाव बढ़ जाता है। फिर वह जीवनभर दिल से उनकी सेवा करती है।
वैसे आपकी सुहागरात पर कमरे को किस तरह से सजाय गया था? अपने अनुभव कमेंट में जरूर शेयर करें।