अध्यात्म

आखिर बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा क्यों की जाती है? जानिए इसके पीछे की वजह

हिंदू धर्म संस्कृति में भगवान श्री गणेश जी को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया जाता है भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है और इनकी महिमा लगभग सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं भगवान गणेश जी भगवान शिव जी और माता पार्वती जी के पुत्र हैं परंतु ऐसे बहुत से कम लोग हैं जो गणेश जी के परिवार के विषय में जानते होंगे और उनकी पत्नी और बच्चों के बारे में जानकारी होगी, आपको बता दें कि भगवान श्री गणेश जी की पत्नियां भी हुई है और उनके बच्चे भी हैं, ऐसा माना जाता है कि बुधवार के दिन अगर भगवान गणेश जी की पूजा की जाए तो इससे इनकी कृपा पूरे परिवार के ऊपर बनी रहती है कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पहले भगवान गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा की जानी जरूरी मानी गई है यदि आप अपने कार्यों में किसी प्रकार की बाधाएं नहीं चाहते हैं तो शुभ कार्य आरंभ करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा करना जरूरी होता है।

समस्त देवता भी अपने कार्य को बिना किसी बाधा के पूरा करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना सबसे पहले करते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि देवगणो ने स्वयं इनकी सर्वप्रथम पूजा करने का विधान बनाया है शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हो गए थे तब उन्होंने गंभीरता पूर्वक विचार किया कि आखिर उनके कार्य में विघ्न क्यों पड़ रहा है? तब भगवान शंकर को इस बात का पता लगा कि वह गणेश जी की पूजा अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे इसके पश्चात शिव जी ने भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना की और उनको लड्डुओं का भोग लगाया और पुनः त्रिपुरासुर से वध किया और उनके ऊपर प्रहार कर दिया तब उनका मनोरथ पूरा हो गया था।

शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है विघ्नहर्ता का मतलब होता है कि सभी तरह की परेशानियों को दूर करने वाला, यदि व्यक्ति हर बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश जी की उपासना करता है तो उसको सुख सौभाग्य की वृद्धि मिलती है और उसकी सभी तरह की बाधाएं समाप्त हो जाती हैं घर परिवार में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्यक्रम, घरों के द्वार पर, पूजा घर में, धार्मिक तस्वीरों आदि में आप सभी लोगों ने शुभ और लाभ लिखा हुआ जरूर देखा होगा दरअसल इनको भगवान श्री गणेश जी की संतान माना जाता है शास्त्रों में इस बात को बताया गया है कि शुभ और लाभ भगवान गणेश जी की संतान है और रिद्धि और सिद्धि भगवान गणेश जी की पत्नियां मानी गई है।

शास्त्रों के अनुसार एक कथा बताई गई है जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं भगवान श्री गणेश जी का शरीर विशालकाय और मुंह की जगह हाथी का मुख्य लगा हुआ है इसलिए कोई भी सुशील कन्या श्री गणेश जी से विवाह को तैयार नहीं थी इस पर भगवान श्री गणेश जी बहुत बिगड़ गए थे और अपने वाहन मूषक को समस्त देवताओं के विवाह में विघ्न डालने के लिए कह दिया था सभी देवता परेशान हो गए थे कि किसी का भी विवाह ठीक प्रकार से संपन्न नहीं हो पा रहा था सभी देवताओं ने तंग आकर भगवान ब्रह्मा जी से कोई उपाय करने के लिए प्रार्थना की, तब ब्रह्मा जी ने दो कन्याओं रिद्धि और सिद्धि का सृजन किया था और भगवान गणेश जी से उनका विवाह करवा दिया था इस प्रकार बुद्धि और विवेक की देवी रिद्धि और सफलता की देवी सिद्धि का विवाह भगवान गणेश जी से हो गया था जिनसे शुभ और लाभ नाम के दो पुत्र भी हुए थे।

भगवान गणेश जी शिव जी और माता पार्वती जी के पुत्र हैं इनको बुद्धि और विवेक का प्रतीक माना जाता है इनकी रिद्धि और सिद्धि पत्नियां हैं और शुभ लाभ इनके 2 पुत्र हैं हर शुभ कार्य में भगवान श्री गणेश जी की पूजा होती है भगवान श्री गणेश जी विघ्न हरता है रिद्धि और सिद्धि से विवेक और समृद्धि प्राप्त होती है शुभ और लाभ घर में सुख सौभाग्य लाते हैं सुख सौभाग्य की चाहत पूरी करने के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा रिद्धि सिद्धि और शुभ लाभ की पूजा भी विशेष मंत्रों के उच्चारण से करना शुभ माना गया है स्नान आदि करने के पश्चात गणेश जी की मूर्ति को स्वच्छ और पवित्र जल से स्नान कराना चाहिए शुभ लाभ के दो स्वास्तिक बनाएं और गणेश जी और परिवार को केसरिया चंदन सिंदूर अक्षत और दुर्वा अर्पित करें इससे आपको गणेश जी की कृपा प्राप्त होगी।

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