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जब गौतम अडानी को की गई थी जाने से मारने की कोशिश, चलती कार से हुए थे किडनैप

कमाई के मामले में ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज’ के मालिक मुकेश अंबानी को टक्कर देने वाले भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक है। गौतम अडानी का नाम दुनिया के अमीर शख्स की गिनती में नौवें नंबर पर आता है।

gautam adani

देशभर में उनका कारोबार फैला हुआ है और वह 1 दिन में करोड़ों की कमाई करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं गौतम अडानी के जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा जब वह मौत से बाल-बाल बचे थे। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे..

किडनेपिंग के दौरान अडानी ग्रुप से मांगे गए थे इतने रुपए

दरअसल, यह बात उस समय की है जब गौतम अडानी ने प्लास्टिक के बिजनेस में कदम रखा था। गौतम अडानी का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ। शुरुआत से ही गौतम अडानी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और पैसा कमाने के लिए मुंबई आ गए।

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जब गौतम अडानी की उम्र 18 साल थी तो वह महज 300 रुपए में काम किया करते थे। इसके बाद 20 साल की उम्र में उन्होंने हीरे का ब्रोकरेज आउटफिट खोल दिया। इससे उन्हें थोड़ा मुनाफा हुआ। इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद आकर प्लास्टिक फैक्ट्री में काम किया और यहां से भी उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हुआ।

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इसी बीच साल 1998 में गौतम अडानी को फाजिल रहमान और भोगीलाल दर्जी नाम के दो गैंगस्टर्स ने उनकी दौलत हड़पने के चक्कर में किडनैप कर लिया था। हालांकि इस दौरान गौतम अडानी का नाम टॉप अमीरों की लिस्ट में शामिल नहीं हुआ था।

रिपोर्ट की मानें तो गौतम अडानी शांतिलाल पटेल करनावती क्लब से निकलकर अपनी कार से मोहम्मद पुरा रोड जा रहे थे, तभी गैंगस्टर्स ने उन्हें किडनैप कर लिया। रिपोर्ट की मानें तो अडानी से गैंगस्टर ने मोटी रकम की मांग की थी। ऐसे में अडानी परिवार को करीब 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर देना पड़ा था।

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ताज होटल हमले के दौरान इस तरह बच पाए थे अडानी

इसके अलावा 25 नवंबर 2008 को अडानी मुंबई के मशहूर होटल ताज पैलेस में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शरीफ के साथ डिनर के लिए पहुंचे थे, तभी आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। हालांकि इस दौरान होटल के कर्मचारियों ने उन्हें और अन्य लोगों को एक हॉल में सुरक्षित जगह पहुंचा दिया था। जहां रातभर ये बंद कमरे में रहे। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उस दौरान गौतम अडानी के साथ-साथ करीब 100 से ज्यादा लोग थे जो अपनी जिंदगी बचाने में कामयाब रहे थे।

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वहीं सुबह 8:45 पुलिस की मदद से इन लोगों को घटनास्थल से दूर ले जाया गया। जब गौतम अडानी इस जानलेवा हादसे से बचकर अहमदाबाद आए तो उन्होंने एयरपोर्ट पर बातचीत में बताया कि, “मैंने सिर्फ 15 फीट की दूरी से मौत देखी।

” इस घटना के बारे में गौतम अडानी ने द इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख भी लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि, ”मैं कभी नहीं भूलूंगा वह निस्वार्थ व्यक्तियों के बलिदान को जिन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी की बाजी लगा दी। वे कभी नहीं जानते थे, उस रात उन्होंने जिन लोगों की जान बचाई थी उनमें से एक मेरी भी जान थीं।”

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