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इस गांव में लगे एक पेड़ ने यहां के लोगों को बनाया दिया है अंधा, जाने इस पेड़ का रहस्य

इस दुनिया में एक ऐसा गांव है जहां पर रहने वाले लोगों के घरों में एक भी खिड़की नहीं है और घरों में खिड़की ना होने की वजह को जानकर आप हैरान रहे जाएंगे। दरअसल इस गांव के अधिकरतर लोग अंधे हैं, जिसकी वजह से ‘टिल्टेपक’ नामक इस गांव में रहने वाले लोगों को सूरज की रोशनी की जरूरत ही नहीं पड़ती है।

आखिर क्यों हैं इस गांव के लोग अंधे

टिल्टेपक गांव के लोग अंधे क्यों हैं?  इसके पीछे भी एक रहस्य जुड़ा हुआ है और इस गांव के लोगों का कहना है कि इनके गांव में एक ऐसा पेड़ है जिसे देखते ही लोग अंधे हो जाते हैं। इस गांव में रहने वाले लोगों के अनुसार गांव में जन्म के समय बच्चे एकदम सही होते हैं। मगर कुछ दिनों बाद ही उनकी आखों की रोशनी चली जाती है और वो दृष्टिहीन हो जाते हैं। इंसान के अलावा इस गांव में मौजूद हर पशु-पक्षी भी अंधा हैं।

क्या है पेड़ से जुड़ा ये रहस्य

इस गांव के लोग जिस पेड़ को अशुभ मानते हैं उसका नाम ‘लावजुएजा’ है। इस गांव के लोगों की बातों पर विश्वास किया जाए तो, जो व्यक्ति इस पेड़ को देखता है वो अंधा हो जाता है। इन लोगों की ये बात सुनने में काफी अजीब सी लगती हैं और मन में यही सवाल उठता है कि क्या एक पेड़ को देखकर कोई अंधा हो सकता है?

तो इस वजह से हो रहे हैं यहां के लोग अंधे

जब इस पेड़ के बारे में वैज्ञानिकों से पता किया गया तो उन्होंने पेड़ को देखकर अंधा होने की बात को खारिज कर दिया और कहा कि इस पेड़ को देखने से आंखों की रोशनी पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ता है। वहीं जब वैज्ञानिकों से इस गांव के लोगों और जानवरों के अंधे होने का कारण पूछा गया। तो वैज्ञानिकों ने बताया कि इस गांव के लोग एक विषैली मक्खी के काटने के चलते अंधे हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये मक्खी शरीर में एक तरह का कीटाणु छोड़ देती है, जो धीरे-धीरे शरीर में फैल जाता है और इसकी वजह से लोगों की आंखों के नसें ब्लॉक हो जाती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब ये काली मक्खी काटती हैं तो शरीर में सूजन भी आ जाती है और कुछ समय बाद इंसान अंधा हो जाता है। ये मक्खी इस गांव में पाई जाती है और इसकी वजह से ही इस गांव के लोग और इस गांव में मौजूद पक्षी- जानवर अंधे हो रहे हैं।

मिर्ची खाना है पसंद

आपको बता दें कि इस गांव में करीब 70 झोपड़ियां बनीं हुई है और यहां पर रहने वाले लोगों की बातों की तरह ही इनका रहन सहन भी काफी अगल तरह का है। इस गांव में रहने वाले लोगों का नाता जोपोटेक जनजाती से है और ये लोग खाने में सेम, बाजरा और मिर्च खाते हैं। जी हां, यहां के लोग सूखी लाल मिर्च खाना पसंद करते हैं  और रात के समय शराब पीकर नाच गाना भी किया करते हैं।

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