वरुथिनी एकादशी व्रत से समस्त संकट होंगे दूर, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत विधि
वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि यदि वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जाए तो इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है, पुण्य कार्य करने से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है, एकादशी तिथि के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना होती है, शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है, इस दिन का व्रत करने से मनुष्य लोक और परलोक दोनों का ही सुख प्राप्त करता है, अगर इस दिन दान-पुण्य किया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है, आज हम आपको वरुथिनी एकादशी व्रत कब है और इसका शुभ मुहूर्त और व्रत पूजा विधि के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
जानिए कब है वरुथिनी एकादशी
वरुथिनी एकादशी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना होती है, वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है, इस साल 18 अप्रैल 2020 को वरुथिनी एकादशी का व्रत है।
वरुथिनी एकादशी व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में जाने
एकादशी तिथि का आरंभ 17 अप्रैल 2020 को रात के समय 8:07 बजे से होगा और एकादशी तिथि की समाप्ति 18 अप्रैल 2020 को रात्रि 10:19 बजे तक होने वाला है वरुथिनी एकादशी पारणा का शुभ मुहूर्त 19 अप्रैल के दिन प्रातः काल में 5:51 बजे से 8:26 बजे तक रहेगा।
जानिए वरुथिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि
अगर आप वरुथिनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि दशमी तिथि की रात को आप सात्विक भोजन का सेवन कीजिए, आप एकादशी तिथि के दिन प्रातः काल में सूर्य उदय से पहले उठ जाए, आप अपने सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान कर लीजिए, इसके पश्चात आपको एकादशी व्रत का संकल्प लेना होगा, आप इस दिन भगवान विष्णु जी और धन की देवी माता लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना कीजिए, आप इस दिन समय-समय पर भगवान विष्णु जी का स्मरण करते रहिए, आप रात के समय पूजा स्थल के समक्ष जागरण कीजिए, एकादशी के अगले दिन द्वादशी के दिन आपको व्रत खोलना होगा, यह व्रत आप पारण मुहूर्त में ही खोलिए, आप इस दिन ब्राह्मणों को निमंत्रण देकर भोजन कराएं और इनको दान दक्षिणा के रूप में कुछ न कुछ अवश्य दीजिए।
वरुथिनी एकादशी व्रत में यह सावधानियां बरतें
अगर आपने वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा है तो आपको इसके दौरान कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है, अगर आप सावधानियां नहीं बरतेंगे तो इससे आपको अपने व्रत का लाभ नहीं मिल पाएगा, आप इस बात का ध्यान रखें कि आप व्रत के दौरान झूठ ना बोले, आप इस दिन सत्य ही बोलिए, इस दिन आपको अपने गुस्से पर काबू रखने की आवश्यकता है यानी आपको इस दिन क्रोध करने से बचना होगा, वरुथिनी एकादशी का व्रत करने वाले लोगों को इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से दूर रहना होगा, इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे भगवान विष्णु जी की कृपा दृष्टि आप के ऊपर बनी रहेगी और आपको अपने व्रत का पूर्ण फल मिलेगा।