करियर के पीक पर सन्यासी बन गए थे विनोद खन्ना, आश्रम में साफ़ करने लगे थे टॉयलेट
अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीतने वाले मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना ने बहुत कम समय में हिंदी सिनेमा में बड़ा मुकाम हासिल किया था। विनोद खन्ना की डायलॉग डिलीवरी बहुत ही जबरदस्त थी, ऐसे में उनके साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री के तमाम बड़े कलाकार काम करना चाहते थे।
इतना ही नहीं बल्कि विनोद खन्ना को लेकर यह भी कहा जाता था कि, वह अगर अपनी फिल्मी दुनिया को सीरियसली ले लेते तो अमिताभ बच्चन जैसे बड़े सुपरस्टार को पीछे छोड़ देते। हालांकि विनोद खन्ना ने करियर के पीक पर ही फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और संन्यास ले लिया। आइए जानते हैं विनोद खन्ना बॉलीवुड इंडस्ट्री से दूर क्यों हो गए थे?
बॉलीवुड इंडस्ट्री के सुपरस्टार थे विनोद खन्ना
बता दें, विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1986 को पेशावर पाकिस्तान में हुआ, लेकिन साल 1947 में हुए विभाजन के बाद वह पेशावर से मुंबई आ बसे है और यहां पर उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई की और फिर बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा। बता दे विनोद खन्ना बॉलीवुड इंडस्ट्री के हैंडसम अभिनेताओं में से एक थे जिनकी अदाकारी को खूब पसंद किया जाता था। उन्होंने अपने करियर में धर्मेंद्र जैसे बड़े स्टार से लेकर कई दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया।
करियर के पीक पर छोड़ दिया बॉलीवुड
जब विनोद खन्ना ने फिल्मी दुनिया छोड़कर सन्यासी बनने का फैसला लिया तो हर कोई इस फैसले से चौक गया था। कहा जाता है कि विनोद खन्ना रजनीश आचार्य जी से काफी प्रभावित थे। ऐसे में साल 1975 में वह भी रजनीश के आश्रम में जाकर सन्यासी बन गए।
कहते हैं कि सन्यासी बनने से पहले विनोद खन्ना कई घंटों तक रजनीश के वीडियो देखा करते थे और अकेले ध्यान लगाने बैठ जाते थे। इतना ही नहीं बल्कि विनोद खन्ना को लेकर आलम यह हो चुका था कि वह सोमवार से शुक्रवार अपनी फिल्मों की शूटिंग करते थे और बाकी 2 दिन वह पुणे में रजनीश के आश्रम में समय बिताया करते थे।
आश्रम में साफ सफाई का काम करते थे विनोद खन्ना
फिर वो समय आया जब धीरे-धीरे उन्होंने फिल्मी दुनिया से किनारा ही कर लिया और स्टारडम छोड़ रजनीश के आश्रम में पहुंच गए। जहां पर वह बगीचे की साफ सफाई का काम करने लगे और इसके बाद उन्हें आश्रम के अंदर स्वामी विनोद भारती के रूप में पहचाना जाने लगा।
विनोद खन्ना को देखकर फैंस तब दंग रह गए जब वह रजनीश चोला पहनकर फिल्मों के सेट पर भी आने लगे। उनके ऊपर रजनीश आचार्य का खुमार इतना ज्यादा था कि वह रजनीश आचार्य को धरती पर एक जीवित भगवान मानते थे। इसी बीच विनोद खन्ना ने अचानक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और ऐलान किया कि, “मैं फिल्म छोड़ रहा हूं।” इसके बाद वह अपने पूरे परिवार को भारत में ही छोड़कर अमेरिका के ओरेगान के रजनीशपुरम आश्रम में चले गए।
साल 1985 में फिर चर्चा में आए विनोद खन्ना
इसके बाद साल 1985 में विनोद खन्ना एक बार फिर चर्चा में आए और कहा जाने लगा कि रजनीश और उनके बीच मनमुटाव हो गया है। ऐसे में फिर वह वापस बॉलीवुड दुनिया की तरफ लौट आए। इस दौरान इंटरव्यू में विनोद खन्ना ने कहा था कि, “मैं ओशो के बगीचे (अमेरिका में) की रखवाली करता था। मैं टॉयलेट साफ करता था।
मैं खाना बनाता था और उनके कपड़े मुझ पर ट्राय कराए जाते थे क्योंकि हमारी कद-काठी एक थी।” इसके बाद उन्होंने दोबारा कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इसके बाद 27 अप्रैल साल 2017 को कैंसर की वजह से विनोद खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गए।