ये है माता लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर, जहां भक्तों के सारे दुख दूर करती हैं देवी मां
माता लक्ष्मी जी को धन, वैभव, सुख-समृद्धि की देवी कहा जाता है। यदि इनकी कृपा किसी व्यक्ति पर हो तो उस व्यक्ति की तकदीर ही पलट जाती है। व्यक्ति को अपने जीवन में धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैसे देखा जाए तो देश भर में माता लक्ष्मी जी के बहुत से मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएं बताई जातीं हैं। अक्सर इस मंदिरों में लोग अपने जीवन की दुख-परेशानियां लेकर आते हैं और माता रानी की कृपा से सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। आज हम आपको माता रानी के एक ऐसे अनोखे और प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो देशभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में लक्ष्मी माता अपने भक्तों की सारी परेशानियां दूर करतीं हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देतीं हैं।
हम आपको माता लक्ष्मी जी के जिस प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर रतनपुर स्थित लखनी माता का मंदिर बिलासपुर जिले में है। यह सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का प्राचीन लक्ष्मी मंदिर बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त अपनी तकलीफें लेकर माता रानी के दरबार में आता है, उसकी सभी समस्या माता रानी दूर करती हैं। वैसे तो इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है परंतु नवरात्रि के दिनों में यहां पर भक्तों का भारी ताँता लगा रहता है। धन की देवी माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली और धनतेरस पर यहां विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस मंदिर के अंदर लखनी माता अष्टदल कमल पर विराजमान है। माता रानी का यह मंदिर रतनपुर कोटा मार्ग में एकबीरा की पहाड़ी पर बना हुआ है। वैसे तो यहां पर बहुत से मंदिर हैं, लेकिन माता लक्ष्मी जी का यह प्राचीन मंदिर लखनी देवी के नाम से दुनिया भर में मशहूर है।
इस मंदिर के निर्माण के बारे में यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा कहना है कि इस मंदिर को कलचुरी राजा रत्नदेव तृतीय के प्रधानमंत्री गंगाधर ने 1179 ईस्वी में बनवाया था। ऐसा भी बताया जाता है कि मंदिर निर्माण के 1 वर्ष पहले 1178 ईस्वी में राजा रत्नदेव तृतीय का राजकोष खाली हो गया था। इस क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति बन गई थी। सारी प्रजा महामारी का सामना कर रही थी। कठिन परिस्थितियों में राजा रत्नदेव के पंडित गंगाधर ने लक्ष्मी देवी के इस मंदिर का निर्माण करवाया था, इसके बाद जैसे ही मंदिर बना पूरे क्षेत्र में सुख, शांति और समृद्धि वापिस आ गई थी।
माता रानी के इस मंदिर में दूर-दराज से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्रि और दीपावली के दिनों में यहां पर माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों की लंबी लाइन देखने को मिलती है। माता रानी का यह मंदिर पहाड़ियों पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 259 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। उसके बाद माता रानी के दर्शन होते हैं। लखनी माता मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसकी विशेषता ही भक्तों को अपनी तरफ खींचती है। अपने जीवन की परेशानियों को लेकर परेशान व्यक्ति यहां पर बड़ी ही आशा के साथ माता के दर्शन करने के लिए आता है और माता रानी अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं करतीं हैं।