अध्यात्म

इस मंदिर में होती है शिव के अंगूठे की पूजा, जो जाता है इनके दरबार शंकर जी करते हैं मुराद पूरी

हर कोई व्यक्ति इस बात से भलीभांति परिचित है कि भगवान शिवजी की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है, देशभर में भगवान शिव जी के बहुत से मंदिर मौजूद है ,जहां पर लोग जाकर शिवलिंग के रूप में इनकी पूजा-अर्चना करके मनोवांछित फल की प्राप्ति करते हैं, देशभर के भगवान शिव जी के मंदिरों में से एक आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर भगवान शिव जी के रूप शिवलिंग की नहीं बल्कि उनके अंगूठे की पूजा की जाती है, जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं, भगवान शिव जी के इस मंदिर में लोग अंगूठे की पूजा करते हैं।

आज हम आपको जिस शिवजी के मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर माउन्ट आबू में अचलगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित है, जिसको अचलेश्वर मंदिर कहा जाता है, इस पौराणिक अचलगढ़ मंदिर की काफी मान्यता मानी जाती है, यहां पर शिवजी के अंगूठे की पूजा की जाती है, भगवान शिव जी के अंगूठे के निशान मंदिर में आज भी देखे जा सकते हैं, वैसे तो यहां पर भगवान शिव जी के छोटे मंदिरों से लेकर बड़े मंदिरों तक 108 मंदिर स्थित है, इसी वजह से इसको अर्धकाशी भी कहा गया है।

शिवजी के इस मंदिर में सोमवार के दिन भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है परंतु महाशिवरात्रि और सावन के महीने में भगवान शिव जी के दरबार में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त भगवान शिव जी के दरबार में आता है उसकी सभी मनोकामनाएं शिवजी पूरी करते हैं।

इस मंदिर के पीछे एक पौराणिक कहानी भी बताई जाती है जब अबुर्द पर्वत पर स्थित नंदी वर्धन हिलने लगा तो हिमालय में तपस्या कर रहे भगवान शिव जी की तपस्या भंग हो गई थी क्योंकि इस पर्वत पर भगवान शिव जी की प्यारी गाय कामधेनु और बैल नंदी थे, तब भगवान शिव जी ने गाय और नंदी को बचाने के लिए हिमालय से ही अंगूठा फैला दिया था तब अबुर्द पर्वत स्थिर हो गया था, इस मंदिर में भगवान शिव जी के पैरों के निशान आज भी देखने को मिलते हैं, इस मंदिर के अंदर भगवान शिवजी अंगूठे के रूप में विराजमान है, शिवरात्रि के दिनों में भक्त विशेष रूप से यहां दर्शन करने के लिए आते हैं।

अगर आप इस मंदिर में कभी दर्शन करने के लिए जाएंगे तो आप यहां पर भगवान शिव जी के अंगूठे का निशान देख सकते हैं, इनके अंगूठे के नीचे एक प्राकृतिक गड्ढा भी नजर आता है, ऐसा बताया जाता है कि इस गड्ढे में कितना भी पानी डाल दिया जाए परंतु यह कभी भरता नहीं है, भक्त इस गड्ढे में पानी अर्पित करते हैं परंतु यह सारा पानी कहां चला जाता है इसके बारे में अभी तक किसी को भी जानकारी नहीं है, यह राज अभी तक रहस्य बना हुआ है।

अचलेश्वर मंदिर में दूर-दराज से भक्त शिव जी के दर्शन करने के लिए आते हैं और भगवान शिव जी के अंगूठे के दर्शन करके अपने जीवन की तमाम परेशानियों से छुटकारा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं, जो भक्त इनके दरबार में आता है वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता है, भगवान शंकर जी सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button