जानिए, तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर की आकर्षक बातें
आंध्र प्रदेश में चितूर जिले में स्तिथ तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के बारे में को कौन नहीं जानता है। भारत के सबसे प्रमुख और प्रचलित धार्मिक स्थानों में से एक है हर साल इस मंदिर में श्री बालाजी के दर्शन हेतु लाखो की संख्या में लोग आते है। .
इस मंदिर को तिरुपति वेंकेटेश्वर के मंदिर के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योकि ये मंदिर तिरुमला की बहुत ही सुन्दर वेंकेट की पहाड़ियों पर बना हुआ है और बहुत ही आकर्षित है। भगवन वेंकेटेश्वर जी को स्वाम भगवन विष्णु जी का अवतार मन जाता है और कहा जाता है की विष्णु जी ने पुष्पकरणी नामक तालाब के किनारे कुछ समय बिताया था जो तिरुनाला के पास मौजूद है।
भगवान विष्णु जी के अवतार बालाजी का निवास तिरुपति वेंकटेश्वर के मंदिर में है यहां भगवान विष्णु वेंकटेश्वर के रूप में बहुत ही अद्धभूत और अाकर्षक मूर्ति के रुप में विराजमान है। इस मंदिर से जुडी ऐसी बहुत साड़ी बाते है जो आपको हैरान कर देंगी और सोचने पर मज़बूर भी
आइये जानते है इस मंदिर के बारे में कुछ आकर्षक बाते…
- इस मंदिर में भगवन के सामने एक मिटटी का दिया अनेक वर्षो से जल रहा है हो आजतक कभी नहीं बुझा है ऐसे ही जलता आ रहा है।
- यहाँ जो मंदिर में प्रतिमा है उसके बाल असली है और बहुत मुलयम भी ये बाल आजतक कभी उलझते भी नहीं है यहाँ जो भक्त आते है वो अपने बालो को भगवान वेंकेटेश्वर जो चढ़ावे के रूप में अर्पित करते है।
- इस मंदिर की ये भी मान्यता है की जो भी भक्त अपने बाल यहाँ अर्पित करता है भगवन उस बाल की कीमत से कुबेर से लिए गए ऋण को चुकाते है
- ये भी कहा जाता है की हम जितनी भी कीमत के बाल देते है भगवन उस कीमत से दस गुना ज्यादा की कीमत वापस लौटा देते है।
- यहाँ जो भगवन वेंकेटेश्वर जी प्रतिमा है उसका तापमान 990 डिग्री बानी रहती है देवता को अभिषेक के दौरान नियमित रूप से पसीना आता रहता है और यहाँ की प्रतिमा हमेशा भीगी ही रहती है चाहे इसको जितना मर्ज़ी कपडे से सूखा लिया जाये।
- इस मंदिर के मुख्या दरवाजे पर एक छड़ी राखी हुई है इस छड़ी के बारे में कहा जाता है की भगवान् बालाजी के बचपन में पिटाई करने हेतु अनंथा अलवर इसी छड़ी का इस्तेमाल करते थे।
- वैकुंठ एकादशी के शुभ अवसर पर भक्त जान भगवान् तिरुपति वेंकेटेश्वर के दर्शन के लिए आते है यहां पर आने के बाद लोगो के सारे पाप समाप्त हो जाते है।
- सबसे बड़ी मान्यता है की जो लोग यहाँ आते है उसको जीवन-मृत्यु के चक्र से भी मुक्ति मिल जाती है