अध्यात्म

चाणक्य नीति: व्यक्ति के दुखों का कारण बनती है यह चीजें, छीन लेती है सुख-चैन

व्यक्ति के जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं, कभी उसके जीवन में ढेरों खुशियां आती है तो कभी दुखों का भंडार आ जाता है, कई बार ऐसा होता है कि बहुत से लोग अपने दुखों का कारण किसी अन्य को मानने लगते हैं परंतु वास्तव में देखा जाए तो ऐसा कुछ नहीं होता है, अगर व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार का कोई दुख आता है तो यह उसके कर्मों के ऊपर ही होता है, वैसे देखा जाए तो सुख और दुख का आना जाना हर किसी व्यक्ति के जीवन में लगा रहता है, अगर अभी आपके जीवन में दुख चल रहे हैं तो आपको आने वाले दिनों में खुशियां भी मिलेंगी, व्यक्ति अक्सर जाने अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देता है जिसके कारण उसको दुख का सामना करना पड़ता है, उसके द्वारा की गई बार-बार यह गलतियां उसके दुख का कारण बनती है।

आप सभी लोगों ने आचार्य चाणक्य जी के बारे में तो सुना ही होगा, यह बहुत ही विद्वान पुरुष और एक अच्छे नीति कार माने गए हैं, इन्होंने मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातों का जिक्र अपनी “चाणक्य नीति” पुस्तक में की है, इनकी नीतियों में मनुष्य के बारे में बहुत सी बातों का जिक्र किया है, इन्होंने अपनी नीति में इस बात का उल्लेख किया है कि व्यक्ति के दुख का कारण कुछ चीजें होती हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति का सुख-चैन छिन जाता है, आज हम आपको आचार्य चाणक्य अनुसार यह चीजें कौन सी है उसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।

व्यक्ति के दुखों का कारण बनती है यह चीजें

  • आचार्य चाणक्य जी का यह बताना है कि जब किसी व्यक्ति के पास कोई चीज मौजूद नहीं होती तो वह उसके बारे में दिन-रात सोचने लगता है, उसकी यही सोच उसके दुख का कारण बनती है, उसके मन में यही विचार घूमता रहता है कि आखिर वह चीज उसके पास क्यों नहीं है? ऐसे लोग अपने सुख को खुद-ब-खुद दूर कर देते हैं, वह अपनी जरूरतों की चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं वह सिर्फ दिखावे की चीजों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं, जिसके कारण उनको मानसिक परेशानियां उत्पन्न होने लगती है और उनको दुख होता है।

  • आचार्य चाणक्य अनुसार ऐसा बताया गया है कि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपनी सेहत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं, वह इधर उधर का खाना पीना करते हैं, जिसके कारण उनको स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने की वजह से व्यक्ति के विचारों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है और उसकी सेहत बिगड़ने लगती है, जिसके कारण वह अक्सर परेशान रहते हैं, इसीलिए हमेशा व्यक्ति को कंट्रोल में रहकर ही किसी चीज का सेवन करना चाहिए।
  • बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने वैवाहिक जीवन में सुखी नहीं रहते हैं, वह आपस में ही लड़ाई झगड़ा करने लगते हैं और एक दूसरे को बुरा भला कहने लगते हैं, जिसकी वजह से दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता है, मन में अशांति फैली रहती है, इसकी वजह से लोगों का स्वभाव भी चिड़चिड़ा होने लगता है और धीरे-धीरे व्यक्ति अपना आपा खो देता है, जिसकी वजह से वह अपने आपको परेशानी में डाल लेता है।

 

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