बालि ने आख़िरी समय में अंगद को बतायी थी तीन बातें, अपनाएँगे तो रहेंगे जीवनभर मुसीबतों से दूर
भारत में सदियों से धर्म को महत्व दिया गया है। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के साथ ही कई धर्मों के लोग साथ मिलजुलकर रहते हैं, हर धर्म में कई अच्छी बातें बताई गयी हैं, जिसको मानकर व्यक्ति का जीवन हमेशा के लिए बदल जाता है। ठीक वैसे ही हिंदू धर्म में भी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गयी हैं, जिनका पालन करने पर किसी भी व्यक्ति का जीवन हमेशा के लिए बदल सकता है। हालाँकि आज के समय में ज़्यादा लोग धर्म पर यक़ीन ही नहीं करते हैं, इसलिए वो इन बातों को महत्व नहीं देते हैं।
हिंदू धर्म में कई पुराण और ग्रंथ हैं, जिनमें धर्म के महत्व के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही इन धार्मिक पुस्तकों से जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है। वैसे तो हिंदू धर्म की सभी धार्मिक पुस्तकों का महत्व है, लेकिन रामायण को ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। रामायण एक महाकाव्य है, जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। रामायण में भगवान श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण पलों के बारे में विस्तार से बताया गया है। रामायण महाकाव्य से धर्म के मार्ग पर चलने की सीख भी मिलती है।
रामायण में श्रीराम और राक्षस राज रावण के युद्ध का भी वर्णन मिलता है। इसके साथ ही वानर राज बालि और उनके भाई सुग्रीव का भी वर्णन मिलता है। बालि के बारे में कहा जाता है कि वह स्वभाव से बहुत ही दुष्ट प्रवृत्ति का था। वह अपने भाई सुग्रीव की पत्नी और उसके राज-पाठ पर अकेले ही क़ब्ज़ा करना चाहता था। बालि सुग्रीव से ज़्यादा बलशाली भी था, इसलिए सुग्रीव उसे अकेले नहीं हरा सकते थे। इसलिए उन्होंने श्रीराम से बालि को मारने में मदद माँगी। श्रीराम ने सुग्रीव ई मदद की और श्रीराम ने बालि को मार गिराया।
आज के समय में भी है महत्वपूर्ण:
रामायण के अनुसार जब भगवान श्रीराम ने बालि को मारने के लिए वाण मारा था तो वह घायल होकर ज़मीन पर गिर पड़ा था। इसके गिरने पर भगवान राम, लक्ष्मण और पुत्र अंगद उसके पास आए। उसके बाद बालि ने अपने पुत्र अंगद को जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ ख़ास बातें बतायी। बालि द्वारा पुत्र अंगद को उस समय बतायी गयी बातें आज के समय में भी उतनी ही तथ्यसंगत है, जितनी उस समय थी। अगर आज के समय में कोई व्यक्ति बालि की उन बातों को मानें तो वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पा सकता है।
श्लोक:
देशकालौ भजस्वाद्य क्षममाण: प्रियाप्रिये।
सुखदु:खसह: काले सुग्रीववशगो भव।।
इस श्लोक के माध्यम से बालि ने अंगद को तीन ऐसी महत्वपूर्ण बातें बतायी जो किसी भी व्यक्ति का जीवन हमेशा के लिए बदल सकती है।
*- कभी भी कोई फ़ैसला लेना हो तो समय और परिस्थितियों को देख-समझकर ही फ़ैसला लेना चाहिए। क्योंकि बिना परिस्थितियों को देखकर लिया गया निर्णय आपको परेशानी में डाल सकता है।
*- हर व्यक्ति को यह मालूम होना चाहिए कि उसे किस व्यक्ति के साथ कब, कहाँ और कैसा व्यवहार करना चाहिए। सही समय पर सही व्यवहार करने से जीवन की कई परेशनियाँ अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं।
*- सुख और दुःख दोनों ही हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होता है, इसलिए दोनो को ख़ुशी-ख़ुशी सहन करना चाहिए। इंसान को हमेशा क्षमाभाव रखना चाहिए।