शिव जी के ये मंदिर हैं बेहद रहस्यमयी और चमत्कारिक, आने वाले भक्तों को भोलेबाबा नहीं करते निराश
इस संसार में भोलेबाबा के भक्तों की कमी नहीं है। भक्त भोले बाबा की पूजा-अर्चना करके इनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। भगवान शिव जी के ऐसे बहुत से मंदिर है जहां पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। शिव जी के यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक और रहस्यमयी बताए गए हैं। इन मंदिरों के चमत्कार और इसकी विशेषताएं भक्तों को अपनी तरफ खींच लाती है। आज हम आपको शिव जी के ऐसे कुछ खास और चमत्कारिक मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आता है उनके ऊपर भोले बाबा का आशीर्वाद है बना रहता है। भोले बाबा की कृपा से कोई भी भक्त इन मंदिरों से निराश नहीं जाता है।
बिजली महादेव मंदिर
देवों के देव महादेव का बिजली महादेव मंदिर बहुत ही अनोखा माना गया है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल के पास में ही एक पहाड़ पर भगवान शिव जी का यह प्राचीन मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि हर 12 वर्ष में एक बार यहां पर स्थित शिवलिंग पर बिजली गिरती है। बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है, इसके बाद पुजारी शिवलिंग के टुकड़ों को मक्खन में लपेट कर रख देता है और सबसे बड़ी खासियत और चमत्कार यह है कि यह शिवलिंग पुनः जुड़ जाता है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव जी के इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थित है वह दिन में तीन बार रंग बदलता है। राजस्थान के धौलपुर में यह मंदिर स्थित है। दुर्गम जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर अपने आप में बहुत अनोखा माना गया है। इस मंदिर में शिवलिंग का रंग सुबह के समय लाल होता है। दोपहर के समय केसरिया रंग का होता है और जैसे-जैसे शाम होती जाती है, इस शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है।
भोजेश्वर मंदिर
भगवान शिव जी का यह मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर, रायसेन जिला में भोजपुर की पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां का शिवलिंग बहुत ही विशाल और अद्भुत माना जाता है। भगवान शिव जी के इस प्राचीन मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज के द्वारा कराया गया था। यहां पर जो शिवलिंग स्थित है वह चिकने लाल बलुआ पाषाण से एक ही पत्थर से बना हुआ है।
लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव जी के इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थित है उसमें एक लाख छिद्र हैं। इस वजह से इसको लक्षलिंग भी कहा जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इस शिवलिंग पर जितना पानी डाला जाए, वह सारा पानी इसी शिवलिंग में समा जाता है।
निष्कलंक महादेव
भगवान शिव जी का यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक है। गुजरात के भावनगर में कोलियाक तट से लगभग 3 किलोमीटर अंदर अरब सागर में शिव जी का यह मंदिर स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि रोजाना अरब सागर की लहरें यहां के शिवलिंग का अभिषेक करती हैं। जब ज्वार भाटा शांत हो जाता है तब पैदल चलकर भक्त मंदिर के दर्शन करते हैं।