शास्त्रों के अनुसार दुखी रहने के होते हैं ये 10 मूल कारण, जरूर जानिए वरना पड़ेगा पछताना
इस संसार में हर किसी व्यक्ति के जीवन में अच्छे और बुरे दिन आते हैं ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जिसके जीवन में हमेशा खुशियां ही रहे अगर उसके जीवन में इस समय खुशियां है तो उसको आने वाले समय में दुख का भी सामना करना पड़ेगा अगर व्यक्ति के जीवन में अभी दुख है तो उसको आने वाले समय में खुशियां अवश्य मिलेगी व्यक्ति के जीवन में समय के साथ-साथ उतार-चढ़ाव आते रहते हैं परंतु जब व्यक्ति के जीवन में दुख आता है तो वह अक्सर अपने भाग्य और भगवान को दोषी मानने लगता है परंतु वास्तव में सच्चाई यह है कि व्यक्ति अपने दुखों का जिम्मेदार खुद होता है दरअसल, व्यक्ति अपने जीवन काल में ऐसे बहुत से कार्य करता है जिसकी वजह से उसको आने वाले समय में काफी पछतावा होता है शास्त्रों में दुखी रहने के ऐसे कुछ मुख्य कारण बताए गए हैं जो मनुष्य जाने अनजाने में करता है जिसके कारण उसको इसका भारी परिणाम भुगतना पड़ता है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से शास्त्रों में बताए गए दुखी रहने के मुख्य कारण के बारे में बताने वाले हैं आप इन बातों पर जरूर गौर दीजिए।
दुखी रहने के होते हैं यह मूल कारण
- अगर कोई व्यक्ति किसी गलत व्यक्ति से किसी प्रकार की उम्मीद रखता है तो इससे व्यक्ति को आधा दुख मिलता है और बाकी का दुख अच्छे और सच्चे लोगों पर शक करने से मिलता है।
- अगर व्यक्ति रात के समय देर से सोता है और सुबह के समय देर से उठता है तो यह उसका दुख का कारण बनता है।
- अगर व्यक्ति अपने झूठ को सत्य मानकर उसके ऊपर चलता है तो उसको हमेशा दुख का मार्ग ही हासिल होता है।
- ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो बिल्ली को दुख का कारण मानते हैं परंतु सच्चाई तो यह है कि व्यक्ति कभी भी अपने कर्मों को नहीं देखता है क्योंकि व्यक्ति के जीवन में दुख आने का सबसे मुख्य कारण उसका कर्म होता है।
- अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति अपनी गलती को नहीं मानता है और अपनी गलती का सारा जिम्मेदार समय और भगवान के ऊपर रख देता है जो दुख का कारण बनता है।
- जो व्यक्ति किसी के ऊपर विश्वास नहीं करता और बिना किसी वजह के हमेशा झूठ बोलता है तो उसके जीवन में भयंकर दुख आता है।
- अगर किसी व्यक्ति से कोई बुरा कार्य हो गया है तो उसको ऐसे ही टाल देना और उसका पछतावा ना करना दुख का मुख्य कारण माना गया है।
- जो व्यक्ति अपनी खुशी के लिए हमेशा दूसरों को परेशान करता है और दूसरों के सुख चैन को छिनता है ऐसा करके वह व्यक्ति दुख को गले लगाता है।
- जो व्यक्ति हमेशा इधर उधर बैठ कर अपना कीमती समय बर्बाद करता है, जो व्यक्ति समय का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखता उसके जीवन में हमेशा दुख ही आता है।
- जो व्यक्ति अपने आपको ना देख कर दूसरों का मजाक बनाता है और उनका अपमान करता है ऐसे व्यक्ति को दुख का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त जो हमने आपको बातें बताई है अगर आप इन बातों पर ध्यान रखते हैं तो आपको अपने जीवन में दुख का सामना नहीं करना पड़ेगा शास्त्रों में व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत सी बातों का उल्लेख किया गया है उन्हीं बातों में से यह कुछ बातें हैं जिसको व्यक्ति को ध्यान जरूर देना चाहिए अगर कोई व्यक्ति इन बातों पर ध्यान देता है तो वह अपना जीवन खुशहाल बना सकता है।