विलेन बनकर खूब मशहूर हुए ये 5 एक्टर, लेकिन बेटों ने डुबो दी नैया, हो गए सभी फ्लॉप
हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक से बढ़कर एक खलनायक हुए है. इन खलनायकों ने अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता. दूसरी ओर इन खलनायकों के बेटों ने भी बॉलीवुड में काम किया लेकिन उन्हें अपने पिता की तरह सफलता और लोकप्रियता नहीं मिल पाई. आइए आज आपको बॉलीवुड के पांच मशहूर खलनायक और उनके बेटों के बारे में बताते हैं.
अजीत खान
अजीत खान अपने समय के बड़े खलनायक रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में ‘यादों की बारात’, ‘जुगनू’, ‘प्रतिज्ञा’, ‘चरस’, ‘आजाद’, ‘राम बलराम’, ‘रजिया सुल्तान’ और ‘राजतिलक’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया. उनकी राह पर चलते हुए उनके बेटे शहजाद खान ने भी बॉलीवुड में पदार्पण किया था.
बताया जाता है कि पिता का बॉलीवुड में बड़ा नाम होते हुए उन्हें बॉलीवुड में काम मिल गया था लेकिन वे अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे. उन्होंने हिंदी सिनेमा में ‘अंदाज अपना अपना’ से लेकर ‘घरवाली बाहरवाली’ जैसी फिल्मों में काम किया. हालांकि उन्हें सफलता और लोकप्रियता नहीं मिल पाई.
अमजद खान
अमजद खान हिंदी सिनेमा के इतहास के सबसे मंझे हुए खलनायकों में से एक हैं. ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अमजद खाना ने गजब की लोकप्रियता हासिल की थी. इसके अलावा उनके और भी कई किरदार काफी मशहूर हुए.
अमजद की राह पर चलते हुए उनके बेटे शादाब खान ने भी फ़िल्मी दुनिय में अपने कदम रखे थे. लेकिन शादाब कब बॉलीवुड में आए और कब चले गए किसी को पता ही नहीं चला. उन्होंने रानी मुखर्जी के साथ फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ से डेब्यू किया था हालांकि वे बॉलीवुड में असफल साबित हुए.
शक्ति कपूर
बेहतरीन अभिनेता शक्ति कपूर ने बॉलीवुड में सकारात्मक और नकारत्मक दोनों ही किरदार निभाए है. कभी फैंस को उन्होंने अपनी शानदार कॉमेडी से हंसाया तो कभी फैंस के दिलों में अपने खलनायक वाले अंदाज से डर पैदा कर दिया. उनके खाते में ‘गुंडा’, ‘आंखें’, ‘चालबाज’ और ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ जैसी बेहतरीन फिल्मे आई.
दूसरी ओर शक्ति की राह पर चलते हुए उनकी बेटी श्रद्धा कपूर भी बॉलीवुड में अच्छा नाम कमा रही है लेकिन शक्ति के बेटे सिद्धांत कपूर फ्लॉप हो गए. शक्ति के बेटे और श्रद्धा के भाई सिद्धांत ने 9 साल के करियर में 10 फिल्मों में काम किया और पूरी तरह से वे असफल ही रहे. आख़िरी बार उन्हें अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी की फिल्म ‘चेहरे’ में देखा गया था.
डैनी डेन्जोंगपा
डैनी डेन्जोंगपा ने अपनी रौबदार आवाज और बेहतरीन अदाकारी से लोगों का खूब दिल जीता. डैनी विलेन के किरदारों में खूब पसंद किए गए. फिल्म ‘धुंध’ से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाली डैनी ने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनके करियर की शानदार फिल्मों में ‘मेरे अपने’, ‘धुंध’, ‘चोर मचाए शोर’, ‘खोटे सिक्के’, ‘काला सोना’, ‘लैला मजनू’, ‘कालीचरण’ ‘संग्राम’ और ‘बुलंदी’ जैसी फ़िल्में शामिल है.
वहीं डैनी के बेटे रिनजिंग डेंजोंगपा ने ‘स्कवॉड’ नाम की फिल्म से फ़िल्मी दुनिया में डेब्यू किया लेकिन कुछ ख़ास कमाल वे नहीं दिखा सके. हालांकि अभी रिनजिंग की बॉलीवुड में शुरुआत ही है.
कबीर बेदी
77 वर्षीय कबीर बेदी का नाम भी इस सूची में शामिल है. कबीर ने ‘खून भरी मांग’ सहित कई फिल्मों में खलनायक बनकर अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है. उनकी राह पर चलते हुए उनके बेटे एडम बेदी ने भी बॉलीवुड में काम किया.
एडम ने हिंदी सिनेमा में ‘चरस’ और ‘जैकपोट’ सहित नौ फिल्मों में काम किया था लेकिन वे पिता कबीर की तरह सफलता और लोकप्रियता हासिल नहीं कर स के. उनका फ़िल्मी करियर भी असफल साबित हुआ.