सावन के महीने में ये 4 चीजें खाने से होती हैं गंभीर बीमारी, भूलकर भी इन चीजों का ना करें सेवन
सावन के महीने का हमारे देश में बहुत महत्व होता है, तीज-त्योहारों से भरपूर यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है जिसके चलते इस पुरे महिनें महादेव की पूजा की जाती है। इस महीने में मौसम में भी बदलाव देखने को मिलता है जहां एक तरफ हमें मानसून की बारिश से गर्मी से छुटकारा मिलता है वहीं दूसरी और मौसम में हुए इस बदलाव के चलते हमें अपनी सेहत का भी ध्यान रखना पड़ता है खासतौर पर अपने खाने पीने का। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में कुछ चीज़े ऐसी है जिनका सेवन नहीं करना चाहिए और इनके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। आज हम आपको तीन ऐसी चीजों के बारे में बतायेंगे जिनका सेवन करना सावन के महीने में वर्जित माना गया है।
हरी सब्जियां : सबसे पहले बात करते है हरी सब्जियों की, इसमे कोई दोहराये नहीं है की हरी सब्जियां हमारे स्वास्थ के लिए कितनी फायदेमंद होती है। हरी सब्जियां विटामिन ‘ए’ का मुख्य स्त्रोत होती हैं। डॉक्टर्स भी हमें हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। हरी सब्जियों में पाया जाने वाला विटामिन ‘ए’ हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन अगर बात करें सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए या नहीं? तो आपको बता दें कि सावन के महीने में हरी पत्तेदार है खाना स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है, दरअसल इस समय पत्तेदार सब्जियां खाने से शरीर में वात बढ़ता है और साथ ही मानसून के इस मौसम में कीडों के संक्रमण का खतरा भी बना रहता है इसलिए सावन में महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत कम खानी चाहिए।
बैंगन : बता दे कि सावन के महीने में बैंगन खाने से भी परहेज करना चाहिए। लेकिन अगर आप फिर भी बैंगन खाना चाहते हैं तो आप बहुत सावधानी रखें क्योंकि बैंगन में कीड़ा बहुत जल्दी लगता हैं और इन दिनों बारिश का मौसम चल रहा है जिससे बैंगन में कीड़े लगने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
दूध : सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी सावन के महीने में भगवान शिव का दूध से अभिषेक किया जाता है। आपको बता दें कि सावन के महीने में दूध का सेवन करना भी वर्जित बताया गया है, यह सुनकर आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की आखिर स्वास्थ्य की दृष्टि से गुणकारी दूध का सेवन करने से क्या समस्या हो सकती है? दरअसल इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है विज्ञान की माने तो सावन के महीने में दूध के अत्यधिक सेवन से शरीर में पित्त में बढ़ोतरी होती है। माना जाता है कि इसी कारण के चलते सावन में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। इसलिए सावन में दूध कम पिए लेकिन शिवलिंग पर दूध जरूर चढ़ाएं।
तली हुयी चीजें : सावन के महीने में ज्यादा तली-भूनी चीज़े खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इस समय हमारा पाचन तंत्र थोडा कमजोर रहता है जिसके कारण ज्यादा तली-भूनी चीज़े आसानी से नही पचती और पेट संबंधी रोग हो सकते हैं।