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आचार्य चाणक्य अनुसार हर मनुष्य को कुत्ते से लेनी चाहिए ये 4 सीख, जीवन में होंगे कामयाब

आचार्य चाणक्य जी अपने समय के सबसे बड़े विद्वान और एक अच्छे नीतिकार हुआ करते थे इन्होंने मनुष्य से जुड़ी हुई बहुत सी बातें बताई हैं जो आजकल के समय में सत्य होती नजर आ रही है इनके द्वारा बताई गई हर बात कलयुग में सच साबित हो रही है आचार्य चाणक्य जी ने “चाणक्य नीति” नामक एक पुस्तक लिखी है जिसमें मनुष्य के जीवन पर आधारित बहुत सी बातें बताई गई है अगर मनुष्य इन सभी बातों को अपने जीवन में अपनाता है तो वह अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति बन पाएगा आचार्य चाणक्य जी ने एक साधारण से बालक को मगध का राजा बना दिया था इन्होंने जिस बालक को राजा बनाया था उसका नाम चंद्रगुप्त मौर्य था इन्होंने अपनी बुद्धिमानी से चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का राजा बनाया था।

आचार्य चाणक्य जी द्वारा बताई गई बातें जो मनुष्य अपने जीवन में उतार लेता है उसका जीवन अवश्य सफल होता है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आचार्य चाणक्य अनुसार कौन सी चार सीख कुत्ते से लेनी चाहिए इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।

आइए जानते हैं कौन सी 4 सीख कुत्ते से लेना चाहिए

 

थोड़े में संतुष्ट हो जाना

जैसा कि आप लोग जानते हैं कुत्ता एक बुद्धिमान प्राणी होता है उसके अंदर संतुष्ट होने का गुण बहुत महत्वपूर्ण माना गया है कुत्ते को अधिक भूख लगने के बावजूद भी उसको जितना अन्न खाने को मिलता है वह अपने आपको उतने में ही संतुष्ट कर लेता है यहां आचार्य चाणक्य इस बात को बताना चाहते हैं कि मनुष्य को अपनी मेहनत का जितना फल प्राप्त होता है उसको उतने ही फल में संतुष्ट हो जाना चाहिए।

सतर्क रहना

आचार्य चाणक्य अनुसार कुत्ता चाहे कितनी भी गहरी नींद में सो रहा हो परंतु वह हमेशा सतर्क रहता है अगर कुत्ते को किसी भी तरह की थोड़ी भी आवाज सुनाई देती है तो वह तुरंत उठ कर बैठ जाता है इसलिए कुत्ते का यह गुण हर मनुष्य को जरूर सीखना चाहिए क्योंकि आचार्य चाणक्य अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा सतर्क रहता है वह अपने जीवन में कभी भी धोखा नहीं खाता है।

स्वामी भक्ति

आप लोग जानते हैं कि कुत्ते को सबसे वफादार माना गया है आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि मनुष्य जिस व्यक्ति के लिए काम करता है और उससे धन प्राप्त करता है तो उस व्यक्ति को कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए मनुष्य को अपनी पूरी निष्ठा के साथ कार्य को ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए।

वीरता

कुत्ता एक बहुत ही बहादुर प्राणी माना जाता है अगर उसके स्वामी पर किसी प्रकार की विपत्ति आती है तो वह अपनी जान को खतरे में डालकर दुश्मनों पर आक्रमण करता है और अपने स्वामी की रक्षा करता है इससे कुत्ते की वीरता का प्रदर्शन होता है आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि वीरता की सीख हमें कुत्ते से लेनी चाहिए हर किसी मनुष्य को परिवार में संकट पर एक वीर की भांति सबसे आगे खड़ा होना चाहिए।

उपरोक्त जो चार बातें हमने आचार्य चाणक्य जी के अनुसार बताई है अगर यह बातें कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपनाता है तो वह हमेशा अपने जीवन में सफलता हासिल करता है उसको अपने जीवन में कामयाबी के मार्ग खुद-ब-खुद हासिल होने लगते हैं।

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