अन्य

भक्तों की आस्था का केंद्र है खीर भवानी मंदिर, कुंड का पानी काला पड़ने से होती है बुरा

दुनिया भर में ऐसे बहुत से चमत्कारिक मंदिर है जिनके प्रति लोगों की अटूट आस्था देखने को मिलती है इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों को देखकर अक्सर लोग काफी आश्चर्यचकित हो जाते हैं आखिर इन मंदिरों के चमत्कार को देखकर आश्चर्य करना जायज है क्योंकि यह चमत्कार ऐसे हैं जिनके ऊपर विश्वास करना लगभग नामुमकिन हो जाता है आप लोगों में से ऐसे कई लोग होंगे जिन्होंने ऐसे चमत्कार देखे या सुने होंगे? आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो अपने रहस्यमई कुंड की वजह से दुनिया भर में प्रसिद्ध है दरअसल, श्रीनगर से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर एक मंदिर स्थित है जिसका नाम “खीर भवानी” मंदिर है जो कश्मीरी पंडितों की आस्था का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है खीर भवानी मंदिर में एक कुंड स्थित है जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि कश्मीर में होने वाली किसी भी अनहोनी का संकेत सबसे पहले इस कुंड के माध्यम से पता चलता है इस कुंड के विषय में लोगों का ऐसा मानना है कि किसी भी बड़ी अनहोनी होने से पहले इस कुंड की शक्ति पहले ही भाप लेती है आने वाली विपत्ति का पहले से ही आभास होने पर इस कुंड का पानी काला पड़ने लगता है।

खीर भवानी मंदिर जम्मू कश्मीर में गान्दरबल जिले के तुलमुला गांव में एक पवित्र पानी के चश्मे के ऊपर स्थित है खीर भवानी देवी की पूजा लगभग सभी कश्मीरी हिंदू और बहुत से गैर कश्मीरी हिंदू भी करते हैं यहां पर परंपरिक रूप से बसंत ऋतु में खीर अर्पित किया जाता है इसी वजह से इस मंदिर का नाम खीर भवानी पड़ा है खीर भवानी मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह मानी जाती है कि देश में किसी भी बड़ी विपत्ति आने से पूर्व ही इस मंदिर के कुंड में मौजूद पानी काला पड़ जाता है।

खीर भवानी मंदिर में मौजूद कुंड के पानी का रंग जब काला या गहरा हो जाता है तो यह कश्मीर के लिए बुरा संकेत माना जाता है इस विषय में ऐसा कहा जाता है कि जब इस कुंड के पानी का रंग काला पड़ जाए तो यह इस बात की ओर संकेत करता है कि कश्मीर में कोई बड़ी मुसीबत आ सकती है इस मंदिर में मौजूद एक षट्कोणीय झरना है जिसको देवी माता का प्रतीक माना गया है जो भी श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आता है वह इस मंदिर परिसर में बने पवित्र झरने में दूध और खीर चढ़ाता है ऐसा माना जाता है कि मंदिर के नीचे बहने वाले इस पवित्र झरने के रंग से घाटी की स्थिति का संकेत प्राप्त होता है जब भी कश्मीर पर कोई मुसीबत आई है उससे पहले ही इस कुंड का पानी बदल गया है।

जब कश्मीर में वर्ष 2014 में बाढ़ आई थी तब यह मुसीबत आने से पहले ही इस मंदिर में मौजूद कुंड का पानी गहरा काला पड़ गया था जब इस कुंड का पानी काला पड़ गया तब यहां के पंडितों को इस बात का अनुमान हो गया कि कोई बड़ी मुसीबत आने वाली है खीर भवानी मंदिर सालभर खुला रहता है परंतु जून से लेकर अगस्त तक यहां पर कुछ ज्यादा ही रौनक रहती है हर वर्ष देश विदेश में मौजूद सभी कश्मीरी पंडित साल में एक बार जरूर माता खीर भवानी के दर्शन के लिए यहां पर भारी की संख्या में आते हैं जो कश्मीर घूमने जाता है वह इस मंदिर के दर्शन जरूर करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button