काल भैरव के इस प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की बाधाएं और ग्रह दोष होते हैं दूर
व्यक्ति अक्सर रोजाना भगवान की पूजा करके अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करता है, इसके अलावा ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने जीवन की सभी बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए बहुत से मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए जाते हैं, लोगों की ऐसी धारणा है कि अगर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में भगवान के दर्शन किए जाए तो इससे जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है, वैसे देखा जाए तो हमारे भारत में ऐसे बहुत से मंदिर मौजूद है जिनके प्रति लोगों का विश्वास देखने को मिलता है और इन मंदिरों के अंदर भगवान की पूजा अर्चना की जाती है, इन्हीं मंदिरों में से एक उत्तर प्रदेश के काशी में बाबा भैरव नाथ का मंदिर दुनिया भर में बहुत ही प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जैसा कि ज्यादातर लोग जानते हैं बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी काशी भगवान भोलेनाथ की नगरी है, परंतु यहां पर बाबा भैरवनाथ कोतवाल के नाम से जाने जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जो भी भक्त आता है उसको भैरव नाथ के दर्शन करना बहुत ही आवश्यक है, अगर भक्त भैरव नाथ के दर्शन नहीं करता है तो विश्वनाथ का दर्शन सफल नहीं माना जाता है, कालाष्टमी के दौरान भैरवनाथ के इस मंदिर के अंदर बड़ी ही धूमधाम देखने को मिलती है और यहां पर भैरव नाथ की विशेष पूजा की जाती है, इस मंदिर के अंदर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।
इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि 1715 में बाजीराव पेशवा ने इस मंदिर का निर्माण दोबारा करवाया था, अगर हम वास्तु शास्त्र के अनुसार देखे तो यह मंदिर आज तक वैसा ही है और इसकी बनावट में कोई भी परिवर्तन नहीं आया है, यह मंदिर तंत्र शैली के आधार पर बना है, इस मंदिर के इसान कोण पर तंत्र साधना करने का महत्वपूर्ण स्थान है।
काशी भगवान शिव जी की नगरी कही जाती है और यहां पर बाबा भैरवनाथ कोतवाल के रूप में है, भैरव नाथ जी को काशी का कोतवाल कहा जाता है, अगर हम पुरानी कहानियों के अनुसार देखे तो काल भैरव ने ब्रह्म हत्या के पाप से छुटकारा पाने के लिए काशी में रहकर तपस्या की थी तब भगवान शिव जी ने काल भैरव को आशीर्वाद दिया था कि तुम इस नगरी में कोतवाल के नाम से जाने जाओगे, उसी समय से काल भैरव इस नगरी की रखवाली में लगे हुए हैं, आज उसी स्थान पर भैरव का यह मंदिर मौजूद है।
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर यमराज को भी काल भैरव की अनुमति लेनी पड़ती है, काल भैरव की अनुमति के बिना काशी के अंदर यमराज भी कुछ नहीं कर पाते हैं, अगर किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की स्थिति खराब चल रही है या फिर उसकी लाख कोशिश करने के बावजूद भी सफलता मिलने में परेशानियां उत्पन्न हो रही है तो ऐसा बताया जाता है कि काल भैरव के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति की सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं।