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बिहार के इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं बल्कि ओझा करते हैं झाड़-फूँक से इलाज

बिहार की नीतीश सरकार आए दिन एक के बाद एक कारनामों की वजह से चर्चा में है। अभी मुज़फ़्फ़रपुर कांड शांत नहीं हुआ कि बिहार में एक नए ख़ुलासे ने पूरे देश को हैरानी में डाल दिया है। जहाँ एक तरफ़ देश में हर अस्पताल में मरीज़ों का इलाज करने के लिए डॉक्टर रखे गए हैं, वहीं बिहार में एक ऐसा अस्पताल है जहाँ डॉक्टर नहीं बल्कि ओझा झाड़-फूँक से इलाज करते हैं। इसका वीडियो इस समय हर जगह वायरल हो रहा है। इस वजह से नीतीश सरकार एक बार फिर फँसती हुई दिखाई दे रही है।

मामले ने पूरे देश को डाल दिया हैरानी में:

मिली जानकारी के अनुसार यह नज़ारा बिहार के वैशाली जिले के एक सरकारी अस्पताल में देखा गया। वायरल हो रहे वीडियो में साफ़-साफ़ देखा जा सकता है, कि अस्पताल में एक मरीज़ का इलाज डॉक्टर नहीं बल्कि एक ओझा झाड़-फूँक से इलाज कर रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें सोशल मीडिया और न्यूज़ में वायरल हो रहा यह वीडियो बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर के एक सरकारी अस्पताल का है। हाजीपुर के इस अस्पताल में जो हो रहा है, उसने पूरे देश को हैरानी में डाल दिया है।

जहाँ आज के वैज्ञानिक युग में झाड़-फूँक से बचने की बात की जाती है, वहीं एक अस्पताल में ऐसा नज़ारा किसी को भी हैरानी में डाल सकता है। वीडियो में साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा है कि अस्पताल के बेड पर एक मरीज़ पड़ा हुआ कर रहा है और उसके इलाज के लिए वहाँ कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है। दर्द से तड़पते हुए मरीज़ का इलाज एक ओझा कर रहा है। आज के इस वैज्ञानिक युग में अंधविश्वास का यह खेल अस्पताल में ही खेला जा रहा है, यह सोचने वाली बात है। दरअसल जिस मरीज़ का इलाज ओझा झाड़-फूँक से कर रहा है, वह एक महिला है।

महिला को डस लिया था साँप ने:

आप वीडियो में देख सकते हैं कि महिला के आस-पास दो लोग खड़े हैं। ये दोनो ही इलाक़े के जानें-मानें ओझा हैं। ओझा अपने हाथ में रुमाल की पोटली लेकर बेड पर बेसुध पड़ी महिला के सिर से लेकर पाँव तक चोट करते हुए संजीवनी मंत्र बुदबुदा रहा है। जबकि महिला के बग़ल में खड़ा उसका असिस्टेंट हाथ में गमछा लिए महिला के शरीर पर चोट कर रहा है। आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि इन दोनो ओझाओं से अस्पताल का प्रशासन थर-थर काँपता है। जानकारी के अनुसार वैशाली महानगर इलाक़े की एक महिला को साँप ने डस लिया।

डॉक्टर भी डरते हैं ओझा से:

साँप के काटने के बाद महिला को उसके परिजन स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। मरीज़ को अस्पताल के डॉक्टर की जगह ओझा मिल गया इलाज करने के लिए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि लड़ाई-झगड़े की वजह से डॉक्टर भी कुछ बोलने या विरोध करने की हिम्मत नहीं करते हैं। ओझाओं का इस अस्पताल में ऐसा डर है कि उन्हें देखते ही वार्ड से डॉक्टर निकल जाते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि ओझा को ख़ुद मरीज़ के परिजन ही लेकर आए थे और अस्पताल में यह ड्रामा पूरे एक घंटे तक चलता रहा। ओझा ने इस मामले में कहा कि उसके झाड़-फूँक के बाद महिला पूरी तरह से ठीक हो गयी। इस तरह के कई मामले हाजीपुर में देखे जाते हैं।

वीडियो देखें:

 

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