पूजा-पाठ के दौरान अपनाएं यह कुछ ज्योतिष उपाय, घर में होगी बरकत ही बरकत
ज्यादातर लोग अपने घरों में रोजाना पूजा पाठ करते रहते हैं, जिससे उनके घर परिवार में सुख शांति बनी रहे और घर में रहने वाले सदस्यों को किसी भी प्रकार की मुसीबत का सामना ना करना पड़े, ऐसा कहा जाता है कि अगर व्यक्ति रोजाना अपने घर के मंदिर में पूजा पाठ करता है तो इससे घर में रहने वाले लोगों के ऊपर देवी देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है, पूजा पाठ करने से घर और मन दोनों की शुद्धता होती है, इसको करने के बहुत से विधान है यह निर्भर आप पर करता है कि इसे आप कहां तक करने में समर्थ है, अगर पूजा पाठ सच्चे मन से की जाए तो आपकी पूजा सफल होती है, जैसा कि आप लोग जानते हैं हमारे देश में तरह-तरह की जाति के लोग रहते हैं और उनकी पूजा का भी अलग अलग तरीका होता है।
पूजा पाठ करने के लिए सबसे पहले जरूरी बात घर की शुद्धता होती है, आप अपने दैनिक कार्य से निवृत्त होकर आप अपने घर का ऐसा पवित्र स्थान का चुनाव कीजिए जहां पर देवी देवताओं की पूजा करने से आपको संतुष्टि प्राप्त हो और आप उस स्थान पर देवी देवताओं की मूर्तियां तस्वीर श्रद्धा पूर्वक रखिए, ज्योतिष में कुछ नियम बताए गए हैं जो पूजा पाठ में अपनाना बहुत ही जरूरी है आप कुछ नियम के तहत अपनी पूजा प्रारंभ कर सकते हैं आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ ज्योतिषीय नियम बताने वाले हैं जिनके अनुसार अगर आप अपनी पूजा करते हैं तो आपको इसका अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
आइए जानते हैं पूजा-पाठ के दौरान कौन से ज्योतिषीय उपाय अपनाएं
- ज्योतिष में सबसे पहले यह नियम बताया गया है कि पूजा करने से पहले दीपक जलाना चाहिए क्योंकि दीपक की रोशनी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसके साथ ही धूप अगरबत्ती जलाएं इससे वातावरण में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया का नाश होता है और इससे वातावरण सुगंधित होता है।
- अगर आप कोई पूजा पाठ आरंभ कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने कुल देवता का स्मरण करना जरूरी है इसके पश्चात पंच देव की पूजा कीजिए यह शुभ माना गया है, अगर आप पंचदेव यानी सूर्य देव, श्री गणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु इन सभी देवी देवताओं की पूजा करते हैं तो इससे आपके घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
- आप पूजा पाठ की सामग्री में जल, फूल, अक्षत, धूप, दीप को शामिल अवश्य कीजिए, फूल कोमलता का प्रतीक होता है, इसलिए कोमल भाव से लोग देवी-देवताओं पर फूल चढ़ाते हैं।
- अगर आप भगवान शिव जी की पूजा कर रहे हैं तो ज्योतिष के नियम के अनुसार शिव जी पर केतकी और तुलसी अर्पित नहीं करना चाहिए, सूर्य देव की पूजा में अगस्त फूल नहीं अर्पित करना चाहिए, भगवान गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- वायु पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि अगर आप देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए पुष्प तोड़ रहे हैं तो नहाने के पश्चात ही आप फूल तोड़े।
- आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पूजा हमेशा अनामिका उंगली से करनी चाहिए, इसी के माध्यम से आप पूजन सामग्री भगवान पर अर्पित कीजिए, पूजा में स्वास्तिक, कलश, नवग्रह और आप जिसकी पूजा कर रहे हैं उनकी मूर्ति जरूर रखिए।
हिंदू मान्यता के अनुसार जितने देवी देवता मौजूद है उनकी पूजा-अर्चना अलग अलग तरीके से होती है, आप इनकी पूजा अपने सामर्थ्य और अपने अनुसार कीजिए और पूजा के दौरान मंत्र जाप करने का भी विधान माना जाता है सभी देवी देवताओं के अलग-अलग मंत्र होते हैं जब आप अपनी पूजा संपन्न कर ले तो उसके बाद प्रसाद बांटे, अगर आप इन सभी ज्योतिष नियमों का पालन करते हैं तो इससे आपका जीवन सुखी होगा और आपको अपने जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।