‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम ‘अय्यर भाई’ के करीबी की मौत, एक्टर को लगा गहरा सदमा
टीवी दुनिया के पॉपुलर सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ करीब 15 सालों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। इस टीवी शो में नजर आने वाले हर एक किरदार को दर्शक खूब पसंद करते हैं। वहीं जेठालाल से लेकर दयाबेन तक जैसे कई किरदारों ने दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। इन सबके अलावा बबीता जी और अय्यर भाई की कॉमेडी भी दर्शकों को खूब पसंद आती है। लेकिन इसी बीच खबर आई है कि सभी को हंसाने वाले कृष्ण अय्यर उर्फ तनुज महाशब्दे के बड़े भाई की मौत हो गई है जिसकी बाद से ही उनके परिवार में मातम सा छा गया है।
बड़े भाई के निधन से टूट गए ‘अय्यर भाई’
तनुज महाशब्दे के बड़े भाई का नाम प्रवीण महाशब्दे है जिनका 21 जनवरी 2023 को निधन हो गया। तनुज को भाई के निधन से गहरा झटका लगा है। उनका कहना है कि वह अपने भाई की वजह से ही एक्टिंग की दुनिया में कामयाब हो पाए। उनकी वजह से इंडस्ट्री में काम मिला। इस दौरान तनुज महाशब्दे ने अपने भाई के निधन को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा नुकसान बताया है।
बता दें एक्टर के भाई के निधन पर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने भी दुख जताया। बता दें तनुज की तरह ही प्रवीण भी एक्टर थे। वह करीब 10 सालों से थिएटर से जुड़े रहे। प्रवीण महाराष्ट्र समाज के नवयुग नाट्य मंडल के प्रोग्राम्स का भी हिस्सा रहे।
तनुज को ऐसे मिला अय्यर का रोल
बहुत कम लोग जानते हैं कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा में पहले तनुज बतौर एक्टर नहीं थे बल्कि वह लेखक के रूप में काम करते थे। कहा जाता है कि वह शूटिंग के दौरान बबीता जी का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता के साथ बातचीत कर रहे थे और उन्हें सीन समझा रहे थे तभी शो के डायरेक्टर ने उन्हें पति-पत्नी के रूप में कास्ट कर लिया और फिर यह जोड़ी पॉपुलर हो गई। दिलचस्प बात यह है कि तनुज महाशब्दे दक्षिण भारतीय नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने बहुत ही खूबसूरत तरीके से अपने इस कदर को निभाया और साउथ इंडियन लहजे में बात की।
पिछले दिनों तनुज महाशब्दे ने कहा था कि उन्हें इस लहजे में बात करने की इतनी आदत हो गई है कि वह घर पर भी इसी तरह से बात करते हैं। जब उन्होंने इस किरदार को निभाया तो पहले उन्होंने दक्षिण भारतीय रहन-सहन और उनके बोलने के तरीकों को सीखा। बता दे तनुज महाशब्दे ने मध्यप्रदेश के देवास में अपने करियर की शुरुआत की। यहां पर वह भारतीय विद्या भवन कला केंद्र में नाटक किया करते थे। इसके बाद उन्होंने इंदौर थिएटर में काम किया और फिर वह मुंबई की तरफ बढ़ गए, जहां पर वह अय्यर भाई के किरदार से पॉपुलर हुए।