देश भर से बायकॉट का दंश झेल रही मुंबई फिल्म इंडस्ट्री सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सोशल मीडिया में भद्द पिटवाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड पर सीधे बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टेलीविजन क्वीन एकता कपूर को फटकार लगाई है। कोर्ट ने एकता की वेब सीरीज XXX में आपत्तिजनक सामग्री को लेकर फटकारा है। फिल्म प्रोड्यूसर और टीवी क्वीन एकता कपूर ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ एक मामले को लेकर याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एकता पर सख्त टिप्पणी (supreme court slams ekta kapoor) करते हुए कहा कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को बर्बाद कर रही हैं, उसे दूषित कर रही हैं।
बिहार के एक सैनिक ने दर्ज कराया था मामला
बता दें कि कुछ साल पहले एकता कपूर के खिलाफ बिहार के एक सैनिक ने मामला दर्ज कराया था। मामला कुछ यूं था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज XXX में फौज की वर्दी पहनकर एक एडल्ट सीन सूट किया गया था। जिसके विरोध में बेगुसराय के एक सैनिक ने आरोप लगाया था कि एकता कपूर सैनिकों और उनके परिजनों की भावनाओं को आहत कर रही है। बेगूसराय में पूर्व सैनिक की शिकायत पर स्थानीय कोर्ट ने वारंट जारी किया था। बेगूसराय कोर्ट से जारी वारंट के खिलाफ एकता कपूर ने SC का दरवाजा खटखटाया था।
एकता कपूर ने पटना हाई कोर्ट में भी लगाई थी याचिका
इससे पहले एकता कपूर ने वारंट को चुनौती देते हुए पटना हाई कोर्ट में भी याचिका लगाई थी। लेकिन हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई में विलंब हो रहा था। जिसपर एकता सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी एकता कपूर की याचिका पर कोई आदेश दिये बिना पेंडिंग रखा है। हालंकि कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सलाह दी, कि बेहतर होगा वो हाई कोर्ट में सुनवाई के स्टेटस पता करने के लिए किसी स्थानीय वकील की मदद लें।
एकता कपूर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। रोहतगी ने कहा कि ट्रिपल एक्स सीरीज का कंटेंट ऑडियंस आधारित है। इस देश में किसी भी चीज को पसंद करने की आजादी है। इसपर अदालत ने सख्ती से पूछा कि लोगों को किस तरह का विकल्प दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर के सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर भी नाराजगी (supreme court slams ekta kapoor) जाहिर की।
कोर्ट ने एकता की वेब सीरीज के कंटेंट पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट के जज अजय रस्तोगी और जज सी टी रविकुमार की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि आप जो कंटेंट बना रही हैं, वो सभी के लिए उपलब्ध है। आप लोगों को किस तरह का मनोरंजन का विकल्प दे रहे हैं? इसपर सोचिए। लेकिन आप इसके विपरीत युवाओं के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, कि आप इस अदालत में हर बार आ जाते हैं। हम इसको प्रोत्साहित नहीं कर सकते। हम इस तरह से याचिका दायर करने के लिए जुर्माना लगाएंगे। कोर्ट ने वकील मुकुल रोहतगी से भी कहा कि अपने क्लाइंट को बता दीजिए। सिर्फ अच्छे वकील की सेवा ले लेने से अदालत उनकी बात नहीं सुनेगी। जिनके पास अच्छा वकील और पहुंच है, उनके लिए हम काम नहीं करते हैं। कोर्ट उन लोगों के लिए काम करती है जिनके पास उठाने के लिए आवाज नहीं है।