इस राजकुमारी की वजह से पूरी ज़िंदगी कुँवारे रहे अटल जी, जानिए आखिर कौन थी वो
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पिछले दिनों देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में भर्ती किया था. 94 साल के अटल जी की तबियत अचानक खराब हो गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि अब उनकी तबियत स्थिर है. अटल जी ने शादी नहीं की इसके पीछे उनके बहुत ही अच्छे और स्वच्छ विचार हैं. उन्होंने शादी दो वजहों से नहीं की एक तो वे देश के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहे और दूसरी वजह सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. इस राजकुमारी की वजह से पूरी ज़िंदगी कुँवारे रहे अटल जी, चलिए बताते हैं ये रहस्यमयी बात..
कुछ रिश्ते इतने पवित्र होते हैं कि जिन्हें कोई नाम नहीं दिया जा सकता. कुछ ऐसा ही एक रिश्ता था भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और एक राजकुमारी के बीच. अटल और उनके बीच क्या था, इस रिश्ते को कभी कोई नाम नहीं मिला. न्यूज 18 की खबरों के अनुसार, 40 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में पढ़ाई करते और उसी कॉलेज में पढ़ती थी राजकुमारी कौल. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर बताते हैं कि वो कुछ ऐसा दौर था जब लड़का-लड़की का आपस में बात करना अच्छा नहीं माना जाता था, लेकिन अटल जी और राजकुमारी कौल की उस दौर में भी एक खूबसूरत प्रेम कहानी थी.
नैयर साहब बताते हैं कि अटल जी राजकुमारी कौल से सच्चा प्रेम करते थे. हर प्रेमी की तरह वे भी अपने प्रेम को अंजाम तक पहुंचाना चाहते थे. अटल जी ने एक प्रेम पत्र लिखा जिसे लाइब्रेरी में एक किताब में रख दिया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया. अटल बिहारी के जीवन पर लिखी एक किताब, जिसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी: ए मैन अॉफ ऑल सीजंस.. के लेखक और पत्रकार किंगशुक नाग अटल की इस प्रेम कहानी के बारे में बताते हैं कि सुनीता बुद्धिराजा जो पब्लिश रिलेशन प्रोफेशनल थीं. उनके राजकुमारी कौल से अच्छे रिश्ते थे. राजकुमारी ने सुनीता को अपने और अटल के रिश्ते के बारे बताया था और उन्होंने उस पत्र का जवाब अटल को दिया जो कभी अटल तक नहीं पहुंच पाया. इसी बीच उनके पिताजी ने एक सरकारी अफसर से उनकी शादी करवा दी थी. इस बात का अटलजी को बहुत बड़ा धक्का लगा था.
उस समय के दौर में मोरारजी देसाई की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बनाये गये थे. उन्हें लुटियंस जोन में बंगला दिया गया था. उस समय कई लोग अटल जी से मिलने उनके बंगले में जाते थे और उन लोगों ने कौल परिवार को उसी बंगले में देखा जाता था. इस बात से मतलब ये निकाला गया था कि अटल जी के साथ कौल परिवार उनके बंगले में शिफ्ट हो गया था.
एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने भी अटल के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि जब मिसेज कौल के पति की मौत हो गई थी तब अटल जी ने बेटियों समेत पूरे परिवार को अपना लिया था. हालांकि साल 2014 में मिसेज कौल ने भी अंतिम सांस ली थी और अपने अंतिम समय में वे अटल के साथ ही रहीं. प्यार के हर फर्ज को निभाते हुए अटल जी ने कभी अपने प्यार को नाम नहीं दिया और सच्चे प्यार की यही निशानी होती है.