काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी, जिनसे ज्यादातर लोग हैं बेखबर
हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक “काशी विश्वनाथ” मंदिर भी है. यह मंदिर उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बसे शहर वाराणसी में स्थित है. यह मंदिर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी मशहूर है. काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 11 वीं सदी में राजा हरिश्चंद्र और सम्राट विक्रमादित्य द्वारा करवाई गई थी, 1194 ईस्वी में मोहम्मद गौरी ने इस मंदिर पर आक्रमण करके इसे लूटने के बाद तोड़ दिया था, इसके पश्चात इस मंदिर को दोबारा से बनवाया गया था, 1447 ईस्वी में काशी विश्वनाथ मंदिर को सुल्तान महमूद शाह द्वारा तोड़ा गया और इसके बाद 1585 ईस्वी में राजा टोडरमल की सहायता से पंडित नारायण भट्ट द्वारा इस मंदिर का पुनः निर्माण करा दिया गया था।
काशी विश्वनाथ जी के मंदिर से बहुत सी मान्यताएं और चमत्कार जुड़े हुए हैं, आज हम आपको काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े हुए कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं, जिनको शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो जानता हो, लगभग ज्यादातर लोग काशी विश्वनाथ के इस मंदिर से जुड़े हुए रहस्य से बेखबर है।
काशी विश्वनाथ से जुड़ी हुई है रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी
- हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
- मान्यता अनुसार काशी नगरी भगवान शिव जी की त्रिशूल की नोक पर बसा हुआ है जहां पर भगवान भोलेनाथ लोगों को आपदाओं से रक्षा करते हैं।
- काशी को भगवान शिव जी की नगरी कहा जाता है, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो व्यक्ति इस स्थान पर अपना देह त्याग करता है उसको मोक्ष प्राप्त होता है।
- ऐसा बताया जाता है कि जब धरती की उत्पत्ति हुई थी तब काशी में ही सूर्य की पहली किरण पड़ी थी।
- काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर सोने का छत्र बना हुआ है और इसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस छत्र के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
- काशी विश्वनाथ के मंदिर में चार तंत्र द्वार बने हुए हैं, जिनमें शांति द्वारा, कला द्वार, प्रतिष्ठा द्वार और निवृत्ति द्वार शामिल है, यह विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर शिव शक्ति एक साथ और तंत्र द्वार भी बना हुआ है।
- काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर वैसे तो साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है परंतु सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, सोमवार के दिनों में भी भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं।
- काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर कोई वास्तविक मंदिर नहीं है, प्राचीन समय में इस मंदिर पर कई बार हमले किए गए थे, मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट करके इसके स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करा दिया था, जिसको ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से लोग जानते हैं, इसके पश्चात महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर को फिर से बनवाया था।