बॉलीवुड

13 की उम्र में सरोज खान ने 30 साल बड़े और चार बच्चों के बाप से की थी शादी, फिर रोई खून के आंसू

22 नवंबर 1948 को मुंबई में जन्मीं हिंदी सिनेमा की बेहद लोकप्रिय कोरियोग्राफर सरोज खान आज ही के दिन यानी कि 3 जुलाई 2020 को इस दुनिया से विदा हो गई थी. आज 3 जुलाई को सरोज खान की दूसरी पुण्यतिथि है. आइए इस मौके पर उनके बारे में कुछ ख़ास बातें आपको बताते हैं.

saroj khan

सरोज खान हिंदू थीं लेकिन उन्होंने अपना आगे जाकर नाम मुस्लिम रख लिया था. जैसा कि दिलीप कुमार, मधुबाला, मीना कुमारी, जगदीप जैसे कई मुस्लिम कलाकारों ने किया था. इन मुस्लिम कलाकारों ने हिंदू नाम रखकर पहचाना बनाई तो वहीं सरोज खान ने मुस्लिम नाम रखकर नाम कमाया. लेकिन बाद में सरोज ने अपना धर्म भी बदल लिया था.

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सरोज खान का असली नाम था निर्मला नागपाल. भारत की आजादी के एक साल बाद साल 1948 में उनका जन्म हुआ था. पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह था. बहुत छोटी उम्र में उन्होंने डांस करना शुरू कर दिया था. जबकि महज तीन साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में बॉलीवुड में अभिनय करना शुरू कर दिया था. डांस के उनके गुरु थे बी सोहनलाल. जो कि आगे जाकर उनके पति भी बने.

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सरोज को शुरुआती समय में अपने निजी जीवन में काफी दुःख दर्द झेलने पड़े. वे महज 13 साल की थी और इस छोटी सी उम्र में उन्हें अपने 30 साल बड़े 43 वर्षीय गुरु बी सोहनलाल से प्यार हो गया. साल 1961 में दोनों की शादी हो गई. सरोज महज 13 साल की थी. वे इस बात से बेखबर थी कि जिस बी सोहनलाल से उनकी शादी हुई वो पहले से शादीशुदा है और चार बच्चों के पिता है. जब सच से सामना हुआ तो उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा.

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सरोज ने डांस करियर की शुरुआत बैकग्राउंड डांसर के रूप में की थी. बी सोहनलाल उन्हें डांस सिखाया करते थे. इसी दौरान दोनों के बीच एक मजबूत रिश्ता बन गया. अपने एक साक्षात्कार में सरोज ने बताया था कि, ”मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरी शादी हो गई थी”.

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सरोज और सोहनलाल का रिश्ता करीब चार साल तक चला. शादी के बाद जल्द ही वे मां बन गईं. लेकिन तब ही उनके सामने जो सच्चाई आई उसने उन्हें झकझोर कर रख दिया. उन्हें बी सोहनलाल के पहले से शादीशुदा होने के बारे में पता चला. इतना ही नहीं सोहनलाल ने सरोज के बच्चे को अपना नाम देने से साफ इनकार कर दिया. सरोज की तकलीफें बढ़ती ही चली गई. आखिरकार साल 1965 में दोनों अलग हो गए.

दूसरी शादी कर बन गईं मुस्लिम…

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सरोज खान ने बी सोहनलला से अलग होने के 10 साल बाद साल 1975 में सरदार रोशन खान से दूसरी शादी की थी. उन्होंने अपने पि का ही धर्म अपना लिया था. इस्लाम स्वीकारने पर एक बार उन्होंने कहा था कि, ”मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया था. मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है. मुझ पर कोई दबाव नहीं था”.

3 हजार से ज्यादा गाने किए कोरियोग्राफ, 200 से ज्यादा फिल्मों में किया काम…

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सरोज खान ने हिंदी सिनेमा के बड़े-बड़े दिग्गजों को डांस सिखाया था. 70-80 के दशक से लेकर बॉलीवुड की नई पीढ़ी तक को उन्होंने अपनी ऊंगलियों पर नचाया. ‘मिस्टर इंडिया, ‘नगीना’, ‘चांदनी’, ‘तेजाब’, ‘थानेदार’ और ‘बेटा’ के गानों ने सरोज को एक अलग और ख़ास मुकाम पर पहुंचा दिया. उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए काम किया और 3000 से ज्यादा गाने कोरियोग्राफ किए.

‘मदर ऑफ़ डांस'(नृत्य की माता)…

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प्यार से उन्हें ‘मास्टर जी’ कहा जाता था. वहीं उनके बेहतरीन डांस के लिए उन्हें ‘मदर ऑफ़ डांस’ (नृत्य की माता) भी कहा गया. सरोज खान का महज 71 साल की उम्र में निधन हो गया था.

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