शिवजी के इस मंदिर में वर्षों से रोजाना नाग करता है पूजा, यह देख भक्तों को होता है आश्चर्य
हमारे देश भर में बहुत से प्रसिद्ध मंदिर है, जिनमें कोई ना कोई चमत्कार देखने को मिलता है, कई बार ऐसे चमत्कार हो जाते हैं जिन पर लोगों को विश्वास नहीं होता है परंतु विवश होकर इन चमत्कारों के ऊपर लोगों को विश्वास करना पड़ता है, जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं मनुष्य के द्वारा देवी देवताओं की आराधना की जाती है परंतु यही गुण पशु और पक्षी में भी होते हैं. जी हां. क्योंकि मनुष्य की तरह भी पशु-पक्षी भी देवी देवताओं की पूजा आराधना करते हैं. आज हम आपको शिवजी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर शिवजी की पूजा कोई पुजारी नहीं बल्कि नाग करता है।
अगर हम पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देखें तो भगवान शिव जी को नाग सबसे अधिक प्रिय है, आप लोग भगवान शिव जी की मूर्ति या तस्वीरों में देख सकते हैं कि उनके गले में नाग हार के स्थान पर रहता है, शिवजी अपने गले में नाग को ही धारण करते हैं, हमारे भारतवर्ष में नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा होती है, भगवान विष्णु जी भी नाग की शैया पर शयन करते हैं, भगवान का नागो से विशेष संबंध होता है, आज हम आपको उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एक गांव सलेमाबाद के प्राचीन शिव मंदिर की बारे में जानकारी देने वाले हैं, यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि शिव जी के इस प्राचीन मंदिर के अंदर लगभग 15 वर्षों से एक नाग रोजाना आकर भगवान शिव जी की पूजा करता है।
आपको यह जानकारी सुनने के बाद आश्चर्य अवश्य हुआ होगा परंतु यह जानकारी बिल्कुल सही है, इस मंदिर के अंदर लोग दूर-दूर से भगवान शिव जी की पूजा करने के लिए उपस्थित होते हैं, परंतु इस मंदिर के अंदर नाग का इस प्रकार आना लोगों के लिए एक अलग ही अनुभव रहता है, इस मंदिर में रोजाना नाग आकर लगभग 5 घंटे तक रुकता है और शिवजी का नमन करता है, यह नजारा लोगों को काफी आश्चर्य कर देता है।
यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि भगवान शिव जी के इस मंदिर में नाग सुबह 10:00 बजे आ जाता है और शाम को 3:00 बजे के बाद इस मंदिर से वापस चला जाता है, जितना समय इस मंदिर के अंदर नाग रहता है वह शिवलिंग के पास ही बैठा रहता है, यहां के स्थानीय लोग भी इस दृश्य को देखकर आपस में चर्चा करते रहते हैं, नाग का इस मंदिर में इस प्रकार आना एक चमत्कारिक बात होती है, श्रद्धालुओं को कोई भय नहीं रहता है और ना ही नाग किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है, लोगों का ऐसा बताना है कि आज तक इस नाग ने किसी को भी किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाया है।
जब नाग भगवान शिव जी के इस मंदिर में प्रवेश कर लेता है तो उसके बाद मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं, जब तक नाग इस मंदिर में रहता है उतने समय तक इस मंदिर में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने की इजाजत नहीं रहती है, 3:00 बजने के पश्चात ही नाग वहां से चला जाता है और उसके बाद ही श्रद्धालु भगवान शिव जी के दर्शन करते हैं, इतने समय तक नाग का शिवलिंग के पास रुकना सच मायने में किसी आश्चर्य से कम नहीं है।