अध्यात्म
सूर्य के बुरे प्रभाव को दूर करने के सरल उपाय, जिनसे होगी पूर्ण शुभ फल की प्राप्ति
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि सुबह के समय सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है, आजकल के समय में भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो सूर्य की शांति के लिए सुबह के समय नहा धोकर सूर्य को जल चढ़ाते हैं, इसके पश्चात सूर्य से संबंधित चीजों का दान करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं, ऐसा बताया जाता है कि यह सभी कार्य करने से सूर्य शांत होता है जिससे व्यक्ति के जीवन में चल रही बहुत सी परेशानियां दूर होती है और व्यक्ति को अपने जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
आज हम आपको सूर्य की शांति करने के लिए कुछ विधियों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगर आप सूर्य के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो इन उपायों का प्रयोग अवश्य करें, इससे सूर्य से मिलने वाले बुरे प्रभाव दूर होंगे, यह उपाय विशेष रूप से बहुत ही उपयोगी माने गए हैं।
आइए जानते हैं सूर्य के बुरे प्रभाव को दूर करने के सरल उपाय
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति खराब होने की वजह से अशुभ फल मिल रहे हैं तो ऐसे में व्यक्ति को सुबह स्नान करते समय जल में खसखस या लाल फूल या केसर डालकर स्नान करना चाहिए, इससे उसको शुभ फल मिलता है क्योंकि यह सभी चीजें सूर्य की कारक मानी गई है, अगर आप यह उपाय करते हैं तो इससे आप सूर्य से मिलने वाले बुरे प्रभाव से बच सकते हैं।
- अगर आप सूर्य से संबंधित चीजों को नहाने के पश्चात दान करते हैं तो इससे आप बहुत से बुरे प्रभाव से बच सकते हैं, आप गेहूं, मसूर, दाल, गुड, तांबा आदि सूर्य से संबंधित चीजों का दान कीजिए, आप प्रत्येक रविवार के दिन या फिर सूर्य संक्रांति के दिन इन चीजों का दान करें, इसके अलावा सूर्य ग्रहण के दिन भी इन चीजों का दान करना लाभदायक माना गया है।
- अगर आप चाहते हैं कि आपके ऊपर सूर्य ग्रह का बुरा प्रभाव ना पड़े तो आप सूर्य के मंत्र “ॐ घूणि: सूर्य आदित्य:” का जाप कीजिए, आप इस मंत्र का जाप रोजाना नियमित रूप से कर सकते हैं, अगर आप इस मंत्र का जाप रविवार रविवार के दिन करेंगे तो इससे आपको विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है, अगर आप रोजाना सूर्य मंत्र का जाप कर रहे हैं तो इन मंत्रों की संख्या 10, 20 या 108 बार होनी चाहिए, आप चाहे तो इनकी संख्या बढ़ा भी सकते हैं।
- अगर आप सूर्य यंत्र की स्थापना करते हैं तो इससे सूर्य से मिलने वाले अनिष्ट प्रभाव दूर होते हैं, सूर्य यंत्र की स्थापना करने के लिए सबसे पहले तांबे के पात्र या भोजपत्र पर विशेष परिस्थितियों में कागज पर ही सूर्य यंत्र का निर्माण किया जाता है और सूर्य यंत्र में समान आकार के खाने बनाए जाते हैं, इनमें निर्धारित संख्याएं लिखी जाती है।
- जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि पूजा पाठ में हवन का विशेष महत्व माना गया है, अगर आप सूर्य हवन करवाते हैं तो इससे आपकी कुंडली से सूर्य दोष दूर होते हैं, आप सूर्य मंत्र का हवन में प्रयोग कीजिए, अगर आप चाहे तो सूरह हवन कराने के लिए किसी जानकार पंडित की मदद ले सकते हैं, अगर सूर्य आपकी कुंडली में शुभ फल नहीं दे रहा है तो आप इन विशेष उपायों को अवश्य कीजिए, इससे आपको लाभ अवश्य मिलेगा।