अध्यात्म

हनुमानजी का चमत्कारिक धाम, जहां से भक्त नहीं लौटता खाली हाथ, प्रभु से मांगी मुराद होती है पूरी

महाबली हनुमान जी श्री राम जी के सबसे परम भक्त माने गए हैं और यह भगवान शिव जी के 11वे रूद्र अवतार है, महाबली हनुमान जी के भक्त इनको कई नामों से पुकारते हैं, कलयुग में महाबली हनुमान जी एक ऐसे देवता है जो हर जगह मौजूद है और यह अपने भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं, हमारे देश भर में ऐसे हजारों की संख्या में महाबली हनुमान जी के मंदिर स्थापित है जिनके प्रति भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, परंतु आज हम आपको इन्हीं हजारों मंदिरों में से एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर में के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो अपने चमत्कार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यहां पर जो भक्त हनुमान जी की शरण में जाता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है।

हम आपको महाबली हनुमान जी के जिस चमत्कारिक मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह मंदिर देवभूमि उत्तराखंड में स्थित है, महाबली हनुमान जी का यह मंदिर देश ही नहीं बल्कि विश्व में अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, हनुमान जी के इस मंदिर को सिद्धिबली धाम कहा जाता है जो कि कोटद्वार में मौजूद है, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जो भी श्रद्धालु महाबली हनुमान जी की शरण में आता है वह कभी भी खाली हाथ वापस नहीं जाता है, महाबली हनुमान जी से मांगी गई हर मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है।

भक्त मुरादे पूरी होने के बाद करवाते हैं भंडारा

हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर श्री सिद्धिबली धाम कोटद्वार (Shri Siddhibali Dham, Kotdwar) में जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है वह यहां पर आकर भंडारा करवाते हैं, हनुमान जी का यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है, स्कंद पुराण में भी पवन पुत्र हनुमान जी के इस मंदिर के बारे में उल्लेख किया गया है, यह मंदिर खोह नदी के किनारे बना हुआ है, ऐसा बताया जाता है कि खोह नदी में बहुत बार बाढ़ आई थी परंतु हनुमान जी के इस मंदिर को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है।

सिद्ध बाबा को यहां हनुमान जी की सिद्धि हुई थी प्राप्त

इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान पर एक सिद्ध बाबा ने तप साधना की थी, तब उस सिद्ध बाबा को हनुमान जी की सिद्धि प्राप्त हुई थी, सिद्धियां प्राप्त करने के बाद सिद्ध बाबा ने इस स्थान पर महाबली हनुमान जी की एक विशाल पाषाणी प्रतिमा का निर्माण किया था, इसी वजह से सिद्धबली इसका नाम पड़ा था, सिद्ध बाबा द्वारा स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा का निर्माण किये जाने की वजह से ही इसको सिद्धबली कहा जाता है।

गुरु गोरखनाथ जी की तपस्थली भी है श्री सिद्धबली धाम

महाबली हनुमान जी के इस मंदिर के बारे में ऐसा भी बताया जाता है कि यह धाम गुरु गोरखनाथ जी की तपस्थली भी है, पुराने वक्त की यहां पर सिद्ध पिंडिया भी स्थित है यहां पर 80 के दशक में बाबा की मूर्ति स्थापित हुई थी, उसके बाद ही इस मंदिर को ठीक प्रकार से बनवाया गया था।

श्री सिद्धिबली धाम (Shri Siddhibali Dham) में श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन करने के लिए आते हैं, यहां पर जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है वह यहां पर भंडारा करवाते हैं, भंडारे के आयोजन के लिए मंदिर समिति की तरफ से बुकिंग होती है, श्री सिद्धिबली धाम की महिमा देश विदेश में फैली हुई है, इस चमत्कारिक मंदिर में श्रद्धालु सैकड़ों की तादाद में यहां पर आते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button