जानिए कब से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि? घटस्थापना मुहूर्त और पूजा विधि
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नवदुर्गा की उपासना का सबसे शुभ दिन नवरात्रि माना गया है। शारदीय नवरात्रि पर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर वर्ष यह पावन त्यौहार श्राद्ध खत्म होते ही शुरू हो जाता है परंतु इस बार ऐसा संभव नहीं हो पाया, क्योंकि इस बार श्राद्ध खत्म होते ही अधिकमास लग गया है, जिसकी वजह से नवरात्रि का त्यौहार लगभग 25 दिन बाद मनाया जाने वाला है। ज्योतिष शास्त्रों शास्त्र के अनुसार इस बार घटस्थापना के दिन बेहद विशेष संयोग बन रहा है। आज हम आपको शारदीय नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
जानिए कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि
भक्तों को नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है। माता की पूजा अर्चना का विशेष दिन नवरात्रि मानी गई है. इस दिन माता रानी की उपासना करके मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। आपको बता दें कि इस वर्ष नवरात्रि का त्यौहार 17 अक्टूबर 2020 से शुरू हो रहा है जो कि 25 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। इस बार रामनवमी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन घटस्थापना शुभ मुहूर्त का समय सुबह 6:27 बजे से 10:13 बजे तक है। घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 बजे से 12:29 बजे तक रहने वाला है।
शारदीय नवरात्रि पूजा विधि
- आप आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लीजिए और घर के ही किसी पवित्र स्थान पर मिट्टी से वेदी बनाएं।
- आप वेदी में जौ और गेहूं दोनों मिलाकर बो दीजिए।
- वेदी के पास ही आप पृथ्वी पर पूजा करके सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित कर सकते हैं इसके पश्चात आपको कलश में आम के हरे पत्ते, पंचामृत, दूर्वा डाल कर उसके मुंह पर सूत्र बांधना होगा, इसके बाद आप गणेश जी की पूजा कीजिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के बाद आप देवी दुर्गा की आरती करके प्रसाद वितरित करें।
- आप व्रत में फलाहार ग्रहण करें।
- नवमी के दिन आप इन जवारों को किसी नदी या तालाब में प्रवाहित कर सकते हैं।
- आप नवमी पूजन के दिन यथाशक्ति अनुसार कन्याओं को भोजन कराएं।
नवरात्रि में क्या करें, क्या ना करें
- अगर आप नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि व्रत के दौरान आप जमीन पर ही सोए।
- नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही आवश्यक है।
- व्रत के दौरान फलाहार ही करना चाहिए।
- व्रत करने वाले लोगों को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह हमेशा क्षमा, दया और उदारता का भाव रखेंगे।
- व्रत में क्रोध, लोभ, मोह, गलत विचार का त्याग कर दें।
नवरात्रि में होती है मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा
नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें और अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है।