अध्यात्म

शनि प्रदोष पर आजमाएं यह सरल उपाय, शनिदेव की रहेगी असीम कृपा, मिलेगा लाभ

धार्मिक मान्यता अनुसार यदि व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है तो इससे भगवान शिव जी प्रसन्न होते हैं। वर्ष में हर महीने 2 बार एक शुक्ल और दूसरा कृष्ण पक्ष में प्रदोष का व्रत आता है। यह व्रत द्वादशी, त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। अगर आप यह व्रत करते हैं तो शिव जी प्रसन्न होकर आपको सभी सुखों का वरदान देते हैं। आपको बता दें कि सावन महीने का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है और दूसरा शनि प्रदोष व्रत 1 अगस्त 2020 को है। अगर आपकी कोई अधूरी इच्छा रह गई है तो आप इस दिन शनि देव की उपासना अवश्य कीजिए। इससे आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे। यदि कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित चल रहा है तो इससे छुटकारा पाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत ही लाभदायक माना गया है। आज हम आपको शनि प्रदोष के कुछ चमत्कारिक उपायों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जो बहुत ही शुभ फलदाई माने गए हैं।

शनि प्रदोष के चमत्कारिक उपाय

  • अगर आप शनि देवता को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आप शनि प्रदोष व्रत अवश्य रखें। मान्यता अनुसार जो व्यक्ति यह व्रत करता है उसके ऊपर शनि देव की असीम कृपा दृष्टि बरस्ती है।

  • अगर आप शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव जी का भस्म और तिल अभिषेक करते हैं तो इससे आपको अपने जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • शनि प्रदोष के दिन शनि चालीसा, शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए और इस दिन भगवान की पूजा के दौरान इनकी आरती करें।
  • आप शनि प्रदोष पर पार्थिव शिवलिंग का तेल से अभिषेक अवश्य कीजिए।

  • अगर आप शनि प्रदोष के दिन महाकाल के दर्शन करते हैं तो इससे आपको विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
  • आप शनि प्रदोष पर भगवान शिव जी को शक्कर का भोग जरूर लगाइए ,
  • आप शनि प्रदोष व्रत के दिन पहले सुबह के समय भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना करें, उसके पश्चात आप शनिदेव की पूजा कीजिए। ऐसा करके आप शनि के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं।
  • अगर आप शनि से संबंधित दोषों से छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन शिव चालीसा, प्रदोष स्त्रोत, कथा, शिवजी की आरती और मंत्रों का जाप अवश्य करें।
  • बहुत बार ऐसा होता है कि शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति के जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। इसलिए आप शनि प्रदोष के दिन शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य कीजिए। इससे जीवन में चल रही परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। जो लोग शनि प्रदोष व्रत कर रहे हैं उनको शनि स्त्रोत का पाठ कम से कम 11 बार जरूर करना चाहिए।

उपरोक्त शनि प्रदोष के कुछ चमत्कारिक उपायों के बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप यह उपाय अपनाते हैं तो इससे शनि से संबंधित सभी बुरे प्रभाव समाप्त होंगे और शनि देवता के साथ-साथ भगवान शिव जी की भी कृपा दृष्टि आपके ऊपर बनी रहेगी। इन उपायों को करके आप अपने जीवन की बहुत सी परेशानियों को दूर कर सकते हैं और आपको लाभ मिलेगा। इससे आपका जीवन सुखमय हो सकता है।

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