देवी माता के इन 4 शक्ति पीठ के बारे में नहीं जान पाया कोई आज तक
जब नवरात्रि का पवित्र त्यौहार आता है तो देवी माता के अलग-अलग शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है हिंदू धर्म ग्रंथ और पुराणों के मुताबिक देवी सती के अंग गहने और कपड़े जहां पर गिरे थे वह शक्ति पीठ कहलाए जाने लगे थे पुराणों के मुताबिक कुल 51 शक्तिपीठ है परंतु इनमें से 4 शक्तिपीठ ऐसे हैं जिनके बारे में अभी तक किसी को भी कुछ भी नहीं मालूम लगा है यह चारों शक्तिपीठ राज के राज बने हुए हैं जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि 10 अक्टूबर से नवरात्रि का पवित्र त्यौहार आरंभ होने वाला है, आज हम आपको देवी माता के कौन-कौन से शक्तिपीठ रहस्य बने हुए हैं इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं शक्तिपीठ यानी जहां-जहां माता सती के अंग गिरे वह पवित्र तीर्थ स्थल बन गए थे।
दरअसल, पिता के हवन कुंड में अपने प्राण त्यागने के पश्चात जब क्रोधित होकर शिव जी ने हवन कुंड से सती का शव निकाल लिया और उसे कंधे पर लेकर इधर-उधर घूमने लगे थे तो भगवान विष्णु जी ने शिवजी के प्रकोप से दुनिया को बचाने के लिए अपने चक्र से सती के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे जहां जहां पर माता सती के शरीर के टुकड़े गहने या कपड़े गिरे थे वह शक्ति पीठ के नाम से कहलाने लगे कुल 51 शक्तिपीठ है जिनमें से 4 शक्तिपीठ के बारे में कोई जानकारी नहीं लगी है।
आइए जानते हैं यह कौन कौन से शक्तिपीठ है
लंका शक्ति पीठ
इस पवित्र शक्ति पीठ पर माता सती का विशेष आभूषण गिरा था शास्त्रों में इस शक्तिपीठ का उल्लेख किया गया है परंतु इस जगह के बारे में आज तक किसी को भी कोई जानकारी हासिल नहीं मिल पाई है।
कालमाधव शक्तिपीठ
मान्यता अनुसार इस पवित्र शक्ति पीठ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर देवी सती के बायां कूल्हा गिरा था परंतु इस शक्तिपीठ को अभी तक कोई नहीं ढूंढ पाया है ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र शक्ति पीठ पर देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद के नाम से विराजित हैं।
पंच सागर शक्ति पीठ
इस पवित्र शक्तिपीठ का अभी तक कुछ भी पता नहीं लगा है ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती का निचला जबड़ा गिरा था और इस स्थान पर देवी सती को वरही के नाम से जाना जाता है।
रत्नावली शक्तिपीठ
इस पवित्र शक्ति पीठ पर देवी माता का कंधा गिरा था इस शक्ति पीठ के विषय में भक्तों का ऐसा मानना है कि देवी माता का यह अंग चेन्नई के आसपास इलाकों में गिरा था परंतु इस स्थान के बारे में अभी तक किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली है।
उपरोक्त जो हमने आपको 4 शक्तिपीठों के बारे में जानकारी दी है यह शक्तिपीठ अभी रहस्य के रहस्य बने हुए हैं इसके बारे में अभी किसी को भी किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव की पत्नी बनी थी सती पार्वती आदि देवी दुर्गा का ही रूप है नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।