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सांगली: 9 लोगों की सामूहिक खुदखुशी निकली फेक, तांत्रिक अब्बास ने चाय पिलाकर सभी को मारा और ..

छिपा धन खोजने के बहाने तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली ने लूटे 1 करोड़, फिर ज़हर वाली चाय पीला 9 लोगों को मार दिया

महाराष्ट्र के सांगली जिले दो भाइयों शिक्षक पोपट वनमोर (54) और पशु चिकित्सक डॉ माणिक वनमोर (49) के घर 9 लोगों की लाशे मिली थी। इन लाशों में दोनों भाइयों के अलावा 74 वर्षीय उनकी मां, दोनों भाइयों की पत्नियां और चार बच्चे मृत पाए गए थे। साथ में एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की बात लिखी थी। शुरुआत में पुलिस को ये सामूहिक आत्महत्या का मामला लगा था। लेकिन अब इस केस में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

गुप्त धन खोजने के बहाने तांत्रिक ने लूट 1 करोड़ रुपए

कोल्हापुर रेंज के आईजी मनोज कुमार लोहिया के अनुसार ये सामूहिक खुदखुशी नहीं बल्कि हत्या का मामला है। इस हत्या को अंजाम तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली और उसके ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवशे ने किया है। दोनों ने सोची समझी साजिश के तहत इस हत्या को खुदखुशी का रूप दिया। दरअसल तांत्रिक ने म्हैसल गांव में रहने वाले दो भाइयों पोपट वनमोर और माणिक वनमोर को गुप्त धन खोजने का लालच दिया था।

इस गुप्त धन को हासिल करने के लिए तांत्रिक ने उन्हें अलग-अलग टोटके बताए जिसके नाम पर उनसे एक करोड़ से अधिक रुपैया ले लिया। तांत्रिक ने पहले तो धन खोजने को लेकर बहुत ड्रामा किया। लेकिन जब वह छिपा हुआ धन नहीं खोज सका तो वनमोर भाइयों ने उस पर पैसे वापस करने का दबाव बनाया। तांत्रिक अब्बास मोहम्मद की पैसे लौटाने की नियत बिल्कुल नहीं थी। ऐसे में उसने पूरे परिवार को ही मौत के घाट उतारने का प्लान बना लिया।

जहरीली चाय पिलाकर उतारा 9 लोगों को मौत के घाट

तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली अपने ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवशे के साथ 19 जून की रात म्हैसल गांव में स्थित वनमोरे भाइयों के घर गया। यहां उसने उनसे गुप्त धन खोजने का फिर से वादा किया। उसने अपने तंत्र मंत्र शुरू कर दिए। फिर घर के सभी लोगों को छत पर भेज दिया। फिर एक-एक कर सभी को नीचे बुलाया और अपने द्वारा बनाई गई मंत्रों वाली खास चाय पिलाई। बस इसी चाय को पीने के बाद वनमोरे खानदान के सभी 9 लोग धीरे-धीरे बेहोश होकर मौत के मुंह में समा गए।

फिर 20 जून को पुलिस को 9 शव दोनों भाइयों के घर कुछ-कुछ दूरी पर पड़े मिले। पास में एक सुसाइड नोट और जहरीली दवाई की शीशी भी मिली। सुसाइड नोट में 19 लोगों के नाम लिखे थे जिनसे वनमारे भाइयों ने पैसा लिया था और न चुका पाने पर कथित रूप से सामूहिक हत्या की बात कही। इसके बाद पुलिस ने भी इसे सामूहिक हत्या माना और इन 19 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।

हत्या को दिया सामूहिक सुसाइड का रूप

हालांकि इस मामले का असली खुलासा तब हुआ जब पुलिस को परिवार से मिले सुसाइड नोट पर शक हुआ। अक्सर खुदखुशी करने वाला सुसाइड नोट पर अपनी आत्महत्या का कारण पहले लिखता है और उसके जिम्मेदार लोगों के नाम बाद में लिखता है। लेकिन इस सुसाइड नोट में 19 जिम्मेदार लोगों के नाम सबसे पहले लिखे हुए थे। वहीं ये भी नहीं बताया कि सामूहिक सुसाइड क्यों किया गया।

बस इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर तांत्रिक अब्बास से सख्त पूछताछ की। फिर उसने सबकुछ उगल दिया। पुलिस के अनुसार तांत्रिक ने चाय में जहर मिलकर सभी को मारा। वहीं उसने तंत्र के नाम पर वनमारे बंधुओं से उन सभी साहूकारों के नाम लिखवाए जिनसे उन्होंने पैसा उधार लिया था। यह पैसा उन्होंने तांत्रिक को छिपा हुआ धन खोजने के लिए ही दिया था। बाद में तांत्रिक ने इन्हीं नामों को सुसाइड नोट का रूप दे दिया।

पुलिस की गिरफ्त में तांत्रिक

सांगली पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेडाम ने बताया कि मुख्य आरोपी मोहम्मद अब्बास बागवान और उसका ड्रावर सुरवासे को सोलापुर से गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया गया है। उनके ऊपर धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज हुआ है। उनसे अभी और पूछताछ की जा रही है।

बता दें कि इसके पहले भी कई तांत्रिक और बाबा लोग पीड़ितों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर उनकी हत्या, लूट, रेप जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। इसलिए आप इन बाबा और तांत्रिक लोगों के चक्कर में न पड़ें।

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