कहानी

नाविक और पंडित की कहानी: इंसान को कभी भी अपने ज्ञान पर घमंड नहीं करना चाहिए

एक पंडित को अपनी विद्या पर काफी घमंड हुआ करता था और ये पंडित जहां पर भी जाया करता था। वहां पर अपनी विद्या का प्रदर्शन किया करता था और लोगों से तरह-तरह के सवाल कर उन्हें छोटा महसूस करवाता था। पंडित की इस आदत से हर कोई परेशान रहा करता था क्योंकि ये पंडित लोगों की बेइज्जती करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था।

एक दिन इस पंडित को किसी काम के लिए दूसरे गांव में जाना होता है और ये गांव गंगा नदी के पार बसा होता है। ये पंडित गंगा नदी के पास खड़ी एक नाव में जाकर बैठ जाता है और नाविक को नदी के दूसरी ओर जाने को कहता है। पंडिता का आदेश मिलते ही नाविक अपनी नाव को लेकर गंगा नदी के दूसरी और चल पड़ता है। कुछ देर बाद ये घमंडी पंडित नाविक से कहता है, क्या तुम्हें हमारे शास्त्रों का ज्ञान है? नाविक बोलता है, नहीं पंडित जी मुझे शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। ये बात सुनकर पंडित कहता है. “तुम्हारी पाव भर जिंदगी पानी में डूब गई।

फिर ये पंडित नाविक से पूछता है, क्या तुम्हें ग्रंथों के बारे में जानकारी है? क्या तुम्हें पता है कि महाभारत किसने लिखी थी? पंडित की बात सुन नाविक कहता है, नहीं पंडित जी मुझे ग्रंथों के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं हैं। नाविक का ये जवाब सुन पंडित कहता है, अब तो तुम्हारी आधी जिंदगी पानी में डूब गई।

ये घमंडी पंडित यहीं पर ही रुकता है और नाविक की बेइज्जती करने के लिए उससे एक और सवाल करता है और उससे पूछता है, क्या तुमने रामायण का केवट संवाद पढ़ा है। क्या तुम जानते हो कि आखिर कवट कौन हुआ करता था और राम से मिलने पर कवट ने क्या किया था?  इन सवालों का जवाब भी नाविक को नहीं पता होता है और वो पंडित से बोलता है, पंडित जी मैं अनपढ़ हूं, मुझे इन चीजों का ज्ञान नहीं है। नाविक की ये बात सुनने के बाद पंडित कहता है, हे मूर्ख तुम्हारी तो अब आधी जिंदगी पानी में डूब गई।

वहीं कुछ ही देर के बाद गंगा नदी में तेज लहरें उठने लग जाती हैं। तभी ये नाविक पंडित से बोलता है। पंडित जी लगता है तूफान आने वाला है और ये नाव डूब सकती है। क्या आपको तैरना आता है? पंडित डर के मारे बोलता है नहीं मुझे तैरना नहीं आता है। पंडित की ये बात सुनकर नाविक बोलता है, पंडित जी तो समझ लें की आपकी तो पूरी जिंदगी पानी में डूब गई।

थोड़ी देर बाद ये नाव तूफान की चेपट में आ जाती है और पानी में पलट जाती है। नाविक को तैरना आता था और वो तैरकर नदी के किनारे पहुंच जाता है। जबकि पंडित पानी में बह जाता है।

इस कहानी से मिली शिक्षा

इंसान को कभी भी अपनी विद्या का दिखावा नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई बार जो ज्ञान आपके पास होता है, वो दूसरे के पास नहीं होता है और ठीक इसी तरह से जो ज्ञान औरों के पास होता है वो आपके पास नहीं होता है। इसलिए आप कभी भी अपने ज्ञान पर घंमड ना करें और ना ही किसी को नीचा दिखाएं।

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