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बहन की मौत का सदमा झेल नहीं सका भाई, जलती चिता पर लेट गया

भाई-बहन का रिश्ता बड़ा अटूट होता है। दोनों एक दूसरे के लिए जान तक दे सकते हैं। ये सिर्फ कहने की बात नहीं है। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक भाई ने ऐसा सच में भी कर दिया। वह अपनी बहन की मौत से इतना उदास हुआ कि उसने उसकी की चिता पर लेटकर अपने प्राण त्याग दिए। तो चलिए इस हैरान करने वाले मामले को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।

बहन की मौत का सदमा झेल नहीं सका भाई

ज्योति उर्फ प्रीति दांगी और करण दांगी चचेरे भाई बहन थे। दोनों में आपस में बहुत प्रेम था। प्रीति सागर (Sagar) जिले के बहेरिया थाना क्षेत्र के मझगवां गांव में रहती थी। 9 जून को वह खेत गई थी। हालांकि फिर घर नहीं लौटी। इसके बाद 10 जून सुबह कुएं में उसका शव मिला।

प्रीति के भाई शेर सिंह के अनुसार उनकी बहन अक्सर खेत में सब्जियां लेने जाया करती थी। लेकिन उस दिन वह खेत से नहीं लौटी। ऐसे में उसकी तलाश शुरू की गई। कुएं के पानी को खाली किया गया। उसमें से उसका शव निकला। शव की जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर आ गई। उन्होंने शव का पंचनामा कार्यवाही व पोस्टमार्टम इत्यादि कर शव परिजनों को सौंप दिया।

बहन की धधकती चिता को प्रणाम कर उसी पर लेट गया

फिर उसी शाम (10 जून) 6 बजे प्रीति का अंतिम संस्कार किया गया। अगले दिन (11 जून) सुबह प्रीति के बड़े पापा का उदयसिंह का बेटा करण धार से सागर के मझगवां बाइक से आया। उसने अपनी बाइक रोड पर खड़ी की और श्मशान घाट पहुंचा। श्मशान घाट में उसकी बहन की चिता अभी भी धधक रही थी। करण ने अपनी बहन को प्रणाम किया। इसके बाद वह उसी चिता पर लेट गया।

जब ग्रामीणों ने ये देखा तो इसकी सूचना परिजनों को दी। वे लोग आनन फानन में 21 वर्षीय करण को अस्पताल ले गए। हालांकि उसका शरीर हद से ज्यादा झुलस चुका था। ऐसे में उसने रास्ते में ही अंतिम सांस ली। जब करण के परिजनों को इसकी खबर मिली तो उनके ऊपर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वे लोग रविवार (12 जून) आए और फिर करण का दाह संस्कार भी उसकी बहन प्रीति के पास किया गया।

एक ही परिवार के दो जवान लोगों की मौत होने से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। बहेरिया थाना प्रभारी दिव्य प्रकाश त्रिपाठी के अनुसार पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस जांच के बाद ही चीजें और स्पष्ट हो पाएंगी।

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