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दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनते-बनते रह गया, घर आई लक्ष्मी को ना पहचान सका,20 लाख करोड़ का नुकसान

कहते हैं भगवान आपको पैसा कमाने के मौके समय-समय पर देता रहता है। लेकिन कई बार हम ही इन अवसरों को नहीं पहचान पाते हैं। अब रोनाल्‍ड वेन (Ronald Wayne) नाम के इस शख्स की कहानी ही ले लीजिए। इसके दरवाजे पर दो बार लक्ष्मी आई, लेकिन दोनों बार वह उसे पहचान नहीं सका। यदि वह उस समय इसकी पहचान कर लेता तो आज दुनिया का सबसे अमीर शख्स होता।

दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनते-बनते रह गया

दरअसल रोनाल्‍ड वेन (Ronald Wayne) वही बंदे हैं जो कभी आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल (iPhone maker Apple) के को-फाउंडर्स में से एक हुआ करते थे। कंपनी जब शुरू हुई थी तो उनके पास इसके करीब 10 हजार रुपये के शेयर थे। हालांकि उन्हें लगा कि कंपनी का कोई खास भविष्य नहीं है, इसलिए उन्होंने इसके शेयर कौड़ियों के भाव बेच दिया। बस यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।

वर्तमान में ऐपल दुनिया की सबसे मूल्‍यवान कंपनी है। यदि रोनाल्‍ड अपने वह 10 हजार रुपये के शेयरों को नहीं बेचते तो उनकी आज वर्तमान कितम 250 अरब डॉलर यानी करीब 20 लाख करोड़ रुपये होती। यह रकम उन्हें दुनिया का सबसे अमीर शख्स बना देती।वर्तमान में ये टाइटल टेस्ला के मालिक एलन मस्क के पास है। उनकी वर्तमान नेटवर्थ लगभग 187 अरब डॉलर है।

कौड़ियों के भाव बेच दिए कंपनी के शेयर

ऐपल का वर्तमान मार्केट कैप (Apple Market Cap) अभी 2.535 लाख करोड़ डॉलर है। यह आकडे किसी भी छोटे मोटे देश की जीडीपी से भी अधिक है। ऐपल के एक शेयर की कीमत 160.25 डॉलर है। यदि वर्तमान में किसी के पास कंपनी का 1 फीसदी शेयर भी हो तो वह लगभग 25 अरब डॉलर का मालिक है। फिर वेन के पास तो ऐपल के 10 फीसदी शेयर थे। मतलब वह 250 अरब डॉलर के मालिक होते।

रोनाल्‍ड वेन के अलावा तब ऐपल के दो अन्य फाउन्डर्स स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉनियक थे। वेन नए अपने हिस्से के शेयर इन दोनों को महज 800 डॉलर में बेच दिए थे। तब कंपनी ने कुछ कंप्यूटर बनाने के लिए एक ऑर्डर लिया था। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने 15,000 डॉलर का लोन लिया था। वेन को लगा कि कंपनी यदि ये ऑर्डर पूरा नहीं कर पाई तो लोन उन्हें चुकाना पड़ेगा। क्योंकि तब बाकी के दो फाउन्डर्स के पास कोई खास पैसे नहीं थे। ऊपर से ऐपल की जिस Byte Shop से 100 कंप्यूटर का पहला ऑर्डर मिला वह पैसा न चुकाने को बदनाम भी थी।

अमीर बनने का दूसरा मौका भी हाथ से गवाया

दिलचस्प बात ये रही कि वेन को बाद में एक बार और ऐपल के चलते तगड़ी कमाई का अवसर मिल था। लेकिन लास्ट टाइम की तरह वह इस बार भी इसे लेकर अनजान थे। वेन के पास उनका खुद का बनाया कंपनी का पहला कॉन्ट्रेक्ट था। कई साल इसे संभालने के बाद उन्होंने इसे 1990 में 500 डॉलर में बेच दिया। सोचा अब वे इसका क्या करेंगे। बाद में 2011 में यह कॉन्ट्रेक्ट पेपर एक नीलामी में 15.9 लाख डॉलर का बिका। यदि वेन आज ऐपल को नहीं छोड़ते तो दुनिया के सबसे अमीर शख्स होते।

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