कंडक्टर की बेटी ने किया पिता का नाम रोशन, 500 में से 499 नंबर लाकर पेश की मिसाल, अगली मंजिल IIT
‘हम गरीब पैदा हुए थे। हमारे मां बाप भी गरीब हैं। इसलिए हम भी गरीब ही रहेंगे।’ ऐसी बातें बोलकर किस्मत को कोसने वाले लोग बहुत मिल जाएंगे। लेकिन मुश्किल हालातों में भी अपने लक्ष्य तक पहुंचने वाले बेहद कम मिलते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक लड़की से मिलाने जा रहे हैं जिसकी मेहनत और जज्बे ने गरीब पिता का नाम रोशन कर दिया।
कंडक्टर की बेटी लाई 500 में से 499 नंबर
हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) के दसवीं के नतीजे घोषित किए गए हैं। इसमें बेटों की तुलना में बेटियों ने ज्यादा बाजी मारी है। वहीं एक बेटी तो 500 में से 499 नंबर ले आई। इस बेटी का नाम अमिशा है। वह गांव मंढाणा की रहने वाली हैं। ईशरावल पब्लिक स्कूल भिवानी (ishraval public school bhiwani) में पढ़ाई करती हैं।
अमिशा एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता वेदप्रकाश हरियाणा रोडवेज में कंडक्टर हैं। वहीं मां सुनीता एक हाउस वाइफ हैं। अमिशा अपनी सफलता का सारा क्रेडिट माता पिता को देती हैं। उन्होंने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उसकी पढ़ाई लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में अमिशा ने भी मेहनत कर उनका नाम रोशन कर दिया।
ये है फ्यूचर का प्लान
अमिशा से फ्यूचर की प्लानिंग पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वे जेईई एंडवास की परीक्षा पास करना कहती है। इसके बाद उनकी आईआईटी से इंजीनियरिंग करने की अच्छा है। उन्होंने अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी योजना भी बना ली है। वह कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना चाहती हैं।
स्टूडेंट्स को दी स्टडी टिप्स
पूरे हरियाणा में टॉप करने वाली अमिशा से सब उनकी सफलता का राज पूछा गया तो उन्होंने स्टूडेंट्स को बहुत ही काम की टिप्स दी। उन्होंने बताया कि परीक्षा में कभी रट्टा नहीं मारना चाहिए। बल्कि अपने कॉन्सेप्ट क्लियर कर लेने चाहिए। ऐसा करने पर आप उस टॉपिक को कभी नहीं भूलते हैं।
इसके अलावा अमिशा का मानना है कि दिमाग पर कभी पढ़ाई का कोई प्रेशर नहीं लेना चाहिए। रीलैक्स माइन्ड के साथ पढ़ना चाहिए। अमिशा के परिवार में मां और बाप के अलावा एक भाई भी हैं। वह उम्र में अमिशा से बड़ा है। वह 12वीं क्लास में सीबीएसई से पढ़ाई कर रहा है। वह भी पढ़ने में काफी अच्छा है। दोनों भाई बहन यदि इसी तरह पढ़ते रहे तो जल्द ही मां बाप की गरीबी दूर कर देंगे।