इस चमत्कारिक मंदिर में मिलता है चूहों का जूठा प्रसाद, सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
लोगों के जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएं होती रहती हैं जिनके ऊपर विश्वास करना काफी कठिन जाता है अक्सर आप लोगों ने भी ऐसी बहुत सी घटनाएं देखी होंगी जिनके ऊपर आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा इन घटनाओं के ऊपर भरोसा करना बहुत मुश्किल होता है परंतु देखा जाए तो वास्तव में ऐसी घटनाएं होती है आप अपने असल जीवन में किसी और का जूठा खाने में कतराते होंगे परंतु क्या आपको इस बात की जानकारी है कि भारत में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जहां पर लोगों को हजारों चूहों का जूठा प्रसाद खाने के लिए दिया जाता है और इस प्रसाद को लोग खाते भी हैं।
जी हां, आप लोग बिलकुल सही सुन रहे हैं इस मंदिर के अंदर हजारों चूहों का झूठा प्रसाद लोगों को खाने के लिए दिया जाता है शायद आपको इस बात पर यकीन करना काफी मुश्किल हो रहा होगा परंतु यह जानकारी बिल्कुल सत्य है दरअसल, राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर आगे एक स्थान है जिसका नाम देशनोक है देशनोक में करणी माता का मंदिर स्थित है जहां हजारों की संख्या में चूहे देखने को मिलते हैं चूहों के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यह सभी चूहे करणी माता की संतान है यहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक करणी माता मां जगदंबा का अवतार है।
इस मंदिर के पीछे एक कहानी के मुताबिक माता करणी का जन्म चारण परिवार में 13वीं शताब्दी में हुआ था उनका नाम रघुबाई था रघुबाई का विवाह किपोजी चारण से हुआ था परंतु रघुबाई की सांसारिक जीवन में कोई दिलचस्पी नहीं रही थी जिसके कारण से रघुबाई ने अपने पति का विवाह अपनी छोटी बहन से करवा दिया था और स्वयं सन्यासी बन कर भगवान की भक्ति में लीन हो गई थी परंतु एक बार उनके पति और छोटी बहन की संतान जिसका नाम लक्ष्मण था वह कपिल सरोवर में गिर गया था जिसके कारण से उसकी अकाल मृत्यु हो गई थी जब इस बात का पता करणी माता को लगा तो उन्होंने अपनी भक्ति और तप से यमराज से लक्ष्मण को जिंदा करने के लिए कहा था करणी माता के लाख यतन करने के पश्चात यमराज ने लक्ष्मण को चूहे के रूप में पुनः जीवित कर दिया था।
इस मंदिर के अंदर तभी से चूहों के रूप में माता करणी की संतान मौजूद है इस मंदिर के अंदर जो चूहे मौजूद है इनको काबा कहा जाता है आप यहां पर लाखों की तादाद में चूहे देख सकते हैं इस मंदिर में काले और सफेद रंग के चूहे मौजूद है परंतु ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को सफेद रंग के चूहे दिख जाते हैं यह शुभ संकेत होता है जो भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं वह अपने पैर उठाकर नहीं चलते हैं बल्कि अपने पैरों को घसीट घसीट कर चलते हैं क्योंकि यहां पर मौजूद चूहों पर अगर पैर पड़ जाए और वह दबकर मर जाए तो अशुभ माना गया है चूहों की इतनी संख्या की वजह से यह मंदिर मूषक मंदिर चूहों का मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
इस मंदिर के अंदर जो प्रसाद अर्पित किया जाता है उस प्रसाद का सबसे पहले भोग यहां पर मौजूद चूहे लगाते हैं इस विषय में ऐसा माना जाता है कि यहां से मिलने वाला चूहों का जूठा प्रसाद खाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं बहुत शीघ्र पूरी होती है परंतु अगर आपको इस मंदिर के अंदर सफेद रंग के चूहे के दर्शन होते हैं तो इसका मतलब होता है कि आप बहुत भाग्यशाली है आपके जीवन में बहुत ही शीघ्र बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।