साल भर बाद फ़ौजी लौटा अपने घर तो पत्नी की गोद में था 1 महीने का बच्चा, जानिये कैसे हुआ संभव
आधुनिक युग में महिलाओं और लड़कियों के मां बनने के तरीकों में भी काफी बदलाव आ गया है. अब कोई महिला प्राकृतिक तरीके से मां बनने का सुख नहीं भोग पाती है तो उसे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. अब ऐसी-ऐसी तकनीक आ गई है कि महिला अन्य कई तरह से मां बन सकती है.
गौरतलब है कि समय बदलने के साथ मां बनने के कई नए तरीके सामने आ गए है. आमतौर पर तो किसी महिला को गर्भवती होना है तो उसे अपने साथी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना आवश्यक होता है हालांकि अब अपने पति के साथ संबंध स्थापित न करने के बावजूद भी कोई महिला मातृत्व सुख को भोग सकती है.
सेरोगेसी के जरिए मां बना जा सकता है. IVF तकनीक के माध्यम से मां बना जा सकता है. तो कोई महिला एग/स्पर्म फ्रीजिंग तकनीक की मदद से भी अपनी सूनी गोद भर सकती है. हाल ही में इस तकनीक की मदद से जयपुर के एक परिवार के घर में खुशियों ने दस्तक दी थी.
जयपुर के राजापार्क में रहने वाली एक महिला पति की मौत के दो साल बाद मां बनी. यह सोचने वाली और ध्यान देने वाली बात यह है कि पति की मौत के दो साल बाद कोई महिला कैसे गर्भवती होकर मां बन सकती है. यह सपना सच हुआ है एग/स्पर्म फ्रीजिंग तकनीक से. यहां की एक महिला और उसके पति दोनों नौकरी करते थे.
नौकरी और व्यस्तता के कारण वे एक दूजे को भी समय नहीं दे पाते थे. वहीं नौकरी के चलते दोनों माता-पिता बनने की योजना अभी नहीं बना पा रहे थे. लेकिन इसी बीच जोड़े ने स्पर्म और एग फ्रीज की मदद ली. इसी बीच महिला के फ़ौजी पति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
महिला और उसके पति ने माता-पिता बनने की पहले ही तैयारी कर रखी थी. महिला पति की मौत के दो साल बाद मां बन गई. इसके लिए डॉक्टर्स ने महिला के मृतक पति के स्पर्म से फर्टिलाइज किए गए एग को कोख में इंसर्ट कर दिया और साढ़े आठ माह बाद राजापार्क के एक परिवार के घर बेटी का आगमन हुआ.
फ़ौजी भी इस तकनीक से बना पिता…
एक फ़ौजी एक साल बाद अपने घर लौटता है और पत्नी की गोद में एक माह का बच्चा देखकर खुश हो जाता है. यह भी संभव हुआ है स्पर्म फ्रीज करवा देने के कारण. फ़ौजी ने इससे पहले ड्यूटी पर जाने से पहले आईवीएफ की मदद से पत्नी को गर्भ धारण करवा दिया था. पति की गैरमौजूदगी में भी महिला मां बन गई.