इस अभिनेता के बेटे ने भारत के लिए जीते 3 गोल्ड और 1 सिल्वर मैडल, पढ़े पिता की भावुक पोस्ट
अधिकतर यही देखा जाता हैं कि बच्चे वही करियर ज्यादा चुनते हैं जो उनके परिवार में पहले से चला आ रहा हैं. मसलन यदि माँ या बाप डॉक्टर हैं तो इस बात के चांस भी ज्यादा हैं कि उनकी संतान डॉक्टर ही बनेगी. यही बात दूकान या बिजनेस के क्षेत्र में भी लागू होती हैं. फिल्म इंडस्ट्री की बात करे तो ये भी कोई अलग नहीं हैं. बॉलीवुड में कदम रखने के लिए लोग ना जाने कितना संघर्ष करते हैं लेकिन फ़िल्मी सितारों के बच्चे बड़ी आसानी से इसका हिस्सा बन जाते हैं. जितने भी बड़े सितारे होते हैं उनके बच्चे अधिकतर फिल्मों में ही आना पसंद करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका बेटा अपने पापा की फेम और पैसा का गलत उपयोग ना करते हुए उनका नाम रोशन कर रहा हैं.
आप सभी लोगो को ‘रहना हैं तेरे दिल में’, 3 इडियट्स और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों में काम कर चुके आर माधवन के बारे में तो पता ही होगा. आर माधवन बॉलीवुड के साथ साउथ की फिल्मों में भी काफी नज़र आते हैं. आज उनका इंडस्ट्री में बहुत बड़ा नाम हैं. पैसो की भी कोई कमी नहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद उनका 13 साल का बेटा वेदांत पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर रहा हैं. कुछ समय पहले वेदांत ने थाईलैंड एज ग्रुप स्विमिंग चैंपियनशिप में 1500 मीटर फ्री स्टाइल केटेगरी में ब्रोंज मैडल हासिल किया था.
इसी कड़ी में इस साल हुई जूनियर नेशनल स्विम मीट में वेदांत ने 3 गोल्ड मैडल और एक सिल्वर मैडल लाकर पिता आर माधवन के साथ पुरे भारत को गर्वान्वित किया हैं. अपने बेटे की इस उपलब्धि पर पिता को बहुत गर्व हैं. उन्होंने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर एक विडियो भी शेयर किया हैं. इसके साथ ही आर माधवन ने लिखा कि “सरिता (माधवन की पत्नी) और मेरे लिए ये गर्व वाला पल हैं. वेदांत ने आज थाईलैंड में हुए इंटरनेशनल स्विम मीट में भारत के लिए अपना पहला मैडल हासिल किया हैं. आप सभी की दुआओं के लिए धन्यवाद.”
सोशल मीडिया पर भी वेदांत को बहुत सारी बधाईयाँ मिल रही हैं. आखिर उसने ये मैडल अपने पिता के अतिरिक्त भारत के लिए भी हासिल किया हैं. एक ही व्यक्ति द्वारा तीन गोल्ड और एक सिल्वर मैडल हासिल करना कोई मजाक नहीं हैं. वेदांत को स्विमिंग का बड़ा ही शौक हैं. अभी 13 साल की उम्र में ही वो इतना हुनरमंद हैं, फिर आगे चलकर तो उसका ये टेलेंट और भी निखर जाएगा. हमें भी उम्मीद हैं कि वो आगे चलकर भारत के लिए और भी मेडल्स लाएगा. हमारी और से वेदांत को ढेर साड़ी बधाईयाँ.
ये एक अच्छा उदाहरण हैं कि हमें बच्चों को अपने पसंद का करियर या सपोर्ट चुनने देना चाहिए. उसका जिसमे मन हैं और जिस क्षेत्र में टेलेंट हैं वही करने देना चाहिए. ऐसे में उसकी सफलता के चांस ज्यादा होते हैं. यदि आप उसे अपना पसंद का करियर करने के लिए फ़ोर्स करोगे तो वो उसमे कभी सफल नहीं हो पाएगा. हमें आशा हैं कि आपको ये खबर पसंद आई होगी.