99% लोग घर में गंगाजल रखते समय करते हैं ये बड़ी गलती, फिर लाभ की जगह होता है नुकसान
हिंदू धर्म में गंगा नदी को बेहद पवित्र माना जाता है। लोग इसे देवी की तरह पूजते हैं। साथ ही इस नदी का जल यानि गंगाजल भी काफी पवित्र माना जाता है। कहते हैं गंगा नदी के पानी में डुबकी लगाने से सभी पाप धूल जाते हैं। वहीं इसका जल पीने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुछ लोग घर में गंगाजल का छिड़काव भी करते हैं। इससे घर पवित्र हो जाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
गंगाजल के महत्व को जानते हुए कई लोग घर में इसे रखते हैं। हालांकि इस जल को रखने के भी कुछ नियम कायदे होते हैं। यदि आप ने सही ढंग से गंगाजल नहीं रखा तो आपको इसका लाभ मिलने की बजाय नुकसान हो जाएगा। तो चलिए जानते हैं कि घर में गंगाजल रखने के क्या क्या नियम हैं।
घर में गंगाजल रखते समय इन नियमों का करें पालन
1. आप ने देखा होगा कि लोग गंगाजल को घर में अक्सर प्लास्टिक की बोतलों में रखते हैं। यह चीज सही नहीं है। कायदे से आपको गंगाजल चांदी, तांबे या पीतल के बर्तन में ही रखना चाहिए। तभी इसका शुभ प्रभाव आपको देखने को मिलता है। पुराने जमाने में प्लास्टिक होता भी नहीं था। ये पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। वहीं चांदी, तांबे या पीतल के बर्तन में गंगाजल की गुणवत्ता भी बरकरार रहती है।
2. गंगाजल को रखने का सबसे उचित स्थान मंदिर या पूजा स्थल है। हालांकि आप इसे किसी रोशनी वाली या साफ सुथरी अच्छी जगह पर भी रख सकते हैं। लेकिन इसे भूलकर भी किसी अंधेरे कमरे या कोने में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा की बजाय नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है।
3. ज्योतिष शास्त्र की माने तो घर में गंगाजल को ईशान कोण में रखना चाहिए। ईशान कोण मतलब जमीन का उत्तर-पूर्व का कोना। दरअसल ये कोना देवी देवताओं का निवास स्थल होता है। इसमें गंगाजल को रखने से इसका प्रभाव और भी दुगुना हो जाता है। इससे आपको फिर अधिक लाभ मिलता है। बस यह कोना साफ सुथरा होना चाहिए।
4. जिस घर में गंगाजल रखा जा रहा है, वहां के लोगों को घर में मांस, मदिरा और नशे की कोई भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी चीजें गंगाजल वाले घर में होना शुभ नहीं मानी जाती है। इससे आपको पाप लगता है। लाभ की जगह हानी होती है। देवी देवता नाराज होते हैं।
5. जब घर में बच्चे का जन्म हो और सूतक काल चल रहा हो तब गंगाजल को छूना नहीं चाहिए। यही नियम घर में किसी की मृत्यु होने पर भी लागू होता है। इस स्थिति में गंगाजल को स्पर्श करने से वह अपवित्र हो जाता है।