सावन माह में जरूर करें पार्थिव शिवलिंग पूजा, करोड़ों यज्ञों के बराबर मिलेगा फल, रोग भय होगा दूर
सावन महीना भगवान शिव जी की पूजा के लिए सबसे सर्वोत्तम माना गया है, इस माह अगर आप भगवान शिव जी की विधि विधान पूर्वक पूजा करते हैं तो इससे आपको विशेष फल मिलता है, परंतु अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखे तो सावन महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत फलदाई माना जाता है, पार्थिव शिवलिंग निर्माण को विशिष्ट माना गया है क्योंकि साधक खुद शिवलिंग का निर्माण करके इसकी पूजा करता है, अगर आप सावन महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं तो इससे सभी प्रकार के रोगों का भय दूर होता है इतना ही नहीं बल्कि मोक्ष की भी प्राप्ति होती है, शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा से करोड़ों यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार बनता है पार्थिव शिवलिंग
अगर भक्त सावन के पावन महीने में पार्थिव पूजा करते हैं तो इससे आपको अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है, क्योंकि भगवान शिव जी की पार्थिव पूजा का विशेष महत्व माना गया है, पंचतत्व में भगवान शिव पृथ्वी तत्व के अधिपति माने जाते हैं, पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए एक या दो तोला शुद्ध मिट्टी का प्रयोग किया जाता है और इस शिवलिंग का आकार अंगूठे का नाम का होता है, आप इसका निर्माण करके किसी भी नदी, तालाब, शिवालय या फिर पवित्र स्थान पर इसकी पूजा कर सकते हैं, पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पार्थिव शिवलिंग की इस प्रकार करें पूजा
- अगर आप सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग पूजा कर रहे हैं तो सर्वप्रथम आपको भगवान के समक्ष बैठकर मन ही मन में पूजा का संकल्प लेना होगा।
- आप पार्थिव शिवलिंग पूजा के लिए किसी साफ सुथरी जगह पर पवित्र मिट्टी को फूल और चंदन में शुद्धीकरण कीजिए।
- अब आपको भगवान शिव जी के मंत्रों का जाप करते हुए इस मिट्टी में गाय का दूध, गाय का गोबर, गुड़, भस्म और गाय के दूध का बना मक्खन डालकर शिवलिंग को बनाना होगा परंतु इस बात का ध्यान रखें कि आप यह जो भी कार्य कर रहे हैं इस दौरान आपका मुंह पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- आप पार्थिव शिवलिंग की ऊंचाई 8 इंच से अधिक ना रखें क्योंकि अगर इससे अधिक का शिवलिंग बनाते हैं तो ऐसा बताया जाता है कि पूजा का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता है।
- जब आप पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर ले तब इसके पश्चात आपको शिवलिंग की आराधना करनी है, इसी दौरान आप अपने मन में भगवान को याद करते हुए अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना कीजिए और बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल अर्पित कीजिए।
- आप शिवलिंग पर दूध और गंगा जल मिलाकर चढ़ाएं।
- आपको शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाना होगा।
- आप पार्थिव शिवलिंग की पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप कर सकते हैं इसके अलावा अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो इससे समस्त रोगों की पीड़ा दूर होती है।
अगर आप सावन के महीने में पार्थिव पूजा विधि विधान पूर्वक करते हैं तो इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं, धार्मिक मान्यता अनुसार पार्थिव पूजा से आपको कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होंगे, कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए पार्थिव पूजन उत्तम माना गया है।