पाकिस्तानी दुल्हन को भारत लाने के लिए दुल्हे ने लगाई केंद्र सरकार से गुहार
शादी एक ऐसा बंधन जो दो लोगों को सात जन्मों के लिए जोड़ देते हैं। शादी-ब्याह के घर में जो रौनक होती है वो देखते ही बनती है। जहां लड़की के घर में विदाई के बाद से थोड़ी गमी का माहौल होता है। वहीं लड़के के घर में विदाई के बाद आने वाले नए शख्स को लेकर के हर कोई काफी एक्साइटेड रहता है। घर में नई दुल्हन का स्वागत हर कोई दिल खोल कर करता है। लेकिन तब क्या हो कि शादी हो और दुल्हन विदा होकर घर ही ना आ पाएं। आज हम आपको एक ऐसी ही शादी के बारे में बताएंगे, जिसमें शादी हुई लेकिन विदाई के बाद दुल्हन ससुराल विदा होकर नहीं आ पाई।
दरअसल ये पूरा मामला है राजस्थान के बाड़मेर जिले का है। जहां से एक बारात पाकिस्तान गई, लेकिन बारातियों को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा। दरअसल दुल्हन को वीजा ना मिल पाने की वजह से बारात को बिना दुल्हन के ही वापसी करनी पड़ी। हालांकि शादी होने के कुछ दिन बाद तक बाराती वहां पर रूके रहे कि वीजा लग जाएगा और धूम-धाम से दुल्हन की विदाई करा कर ले जाएंगे। लेकिन वीजा ना लगने के चलते बारातियों को खाली हाथ ही वापस आना पड़ा।
हालांकि बाराती तो वापस आ गए, लेकिन दूल्हा कुछ दिनों के लिए वहीं रूक गया और दुल्हन के वीजे के लिए लगातार कोशिश करता रहा। उसने अपने वीजा के समय को भी बढ़वा लिया, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी जब दुल्हन का वीजा नहीं लगा तो उसको भी निराश होकर बिना दुल्हे के ही वापसी करनी पड़ी।
बाड़मेर के गिराब थाना के महेंद्र सिंह की शादी अप्रैल महीने में हुई थी। दुल्हन पाकिस्तान की थी, इसलिए शादी के लिए सभी को पाकिस्तान जाना पड़ा। हालांकि दुल्हन का वीजा ना लगने के चलते कुछ दिनों तक तो सभी ने इंतजार किया लेकिन फिर भारत वापस लौट आए। महेंद्र सिंह भी काफी समय तक पाकिस्तान में रूका रहा, लेकिन आखिर में उसे भी बिना दुल्हन के ही भारत वापसी करनी पड़ी।
अब महेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि उसकी दुल्हन को वीजा मिले ताकि वह अपने ससुराल आ सके। महेंद्र की शादी 16 अप्रैल को हुई और शादी के 2 महीने से भी ज्यादा होने वाले हैं लेकिन उसकी दुल्हन अभी तक अपने ससुराल नहीं आ पाई है। महेंद्र ने बताया कि भारत में चुनाव के चलते वीजा में हो रही परेशानी की वजह से उसने वहीं पर दो महीने इंतजार किया इसके बाद फिर वीजा के लिए अर्जी लगाई लेकिन दुल्हन का वीजा नहीं मिल पाया। आखिरकार थक हार कर वह भी वापस बाड़मेर आ गया।
महेंद्र के घर वालों के मन में खूब उत्साह था कि महेंद्र अपनी पत्नी को लेकर ही घर वापसी करेगा, लेकिन जब महेंद्र अकेले ही घर वापस आया तो सभी मायूस हो गए। अब सिर्फ केंद्र सरकार ही उनकी इस मायूसी को दूर कर महेंद्र की दुल्हन को भारत ला सकती है। जिसमें अभी कितना समय लगेगा इस बात का अंदाजा किसी को भी नहीं है।