पकिस्तान हुआ कंगाल, एजेंसियों के खर्च में कटौती, पाई-पाई बचाने के लिए लागू किए नए नियम
वर्तमान में पाकिस्तान इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यहां के हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि आम जनता के साथ-साथ वीआईपी लोगों को भी खाने-पीने के लाले पड़ रहे हैं। बता दे बीते 1 साल में पाकिस्तान के हालात कुछ इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि वहां का खजाना खाली होने की कगार पर है। साल 2022 से ही पाकिस्तान के हाल बदहाल है।
इतना ही नहीं बल्कि यहां पर रेलवे संचालन को ठप कर दिया गया है। रेलवे के पास डीजल खरीदने के पैसे तक नहीं है। वही ट्रेन के ड्राइवर को उनकी सैलरी तक भी नहीं मिल पाई है। ऐसे में कई जगहों पर प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है।
सांसदों और नौकरशाहों के लिए लागू किए नए नियम
कर्मचारियों को जहां एक तरफ सैलरी नहीं मिल पाई तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। यहां पर आटे से लेकर दाल चावल के हर चीज के दाम बढ़ा दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वर्तमान में घी से लेकर आटा, चीनी को 25 से 62 फ़ीसदी कर दिया गया है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (PBS) के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में आटा 150 रुपये किलो बिक रहा है।
ऐसे में आम जनता खाने पीने के लिए भी मुश्किलों का सामना कर रही है। इस मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान ने इस आर्थिक संकट से खुद को बचाने के लिए कुछ प्रस्ताव रखे गए हैं। इसमें सांसद खुफिया एजेंसी और नौकरशाहों के खर्चे में कटौती की जाएगी। नए प्रस्ताव की मानें तो यहां पर नागरिक नौकरशाहों और सैन्य आवंटित प्लॉट्स की वसूली की जाएगी, जबकि सांसदों की सैलरी से भी 15 फ़ीसदी कटौती होगी।
कर्मचारियों के मासिक वेतन नहीं दे पा रहा पाकिस्तान
इसके अलावा खुफिया एजेंसी के खर्चों से भी कटौती की जाएगी। वहीं प्राकृतिक बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर दी जाएगी। साथ ही वेतन के साथ मिलने वाले भत्ते पर भी रोक लगा दी जाएगी। इसके साथ ही पूरी तरह से विदेश यात्रा बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा लग्जरी गाड़ियों की खरीद पर भी रोक लगा दी जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हालात कुछ ऐसे हो गए है कि, विभागों के पास पिछले एक साल में सेवानिवृत्त हुए कई अधिकारियों और कर्मचारियों की ग्रेच्युटी के रूप में लगभग 25 अरब रुपए की देनदारियों को चुकाने के लिए पैसा नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि कर्मचारियों के मासिक वेतन और सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन तक बंद कर दी गई है।