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पत्थर के सिलबट्टे बेचने वाली ये महिला बनी पुलिस सब इंस्पेक्टर

भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. यहां हर नुक्कड़ पर आपको प्रतिभा देखने को मिल जायेगी. प्रतिभा की कोई परिभाषा नहीं होती और ना ही प्रतिभा को बांध कर रखा जा सकता है. इस बात को महाराष्ट्र की एक महिला ने सच कर दिखाया है. इस महिला ने बताया है कि व्यक्ति अगर कुछ करने की ठान ले  तो उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है. बस उसके मन में उस काम को करने का जूनून होना चाहिए. महाराष्ट्र के भंडारा जिले की रहने वाली महिला पद्मशीला तिरपुडे ने जितना संघर्ष अपने जीवन में किया है उसका फल आज उन्हें मिल गया है. बता दें कि अपना जीवन यापन करने के लिए पद्मशीला सिलबट्टे बना कर बेचा करती थीं. सिलबट्टे बनाने के साथ-साथ पद्मशीला ने अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा. उन्होंने अपने काम का असर अपनी पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया और उसी का नतीजा है कि पद्मशीला आज ऐसे मुकाम पर पहुंच गयी हैं जहां पहुंचना लगभग हर किसी का सपना होता है.

बता दें कि पद्मशीला ने महाराष्ट्र पुलिस में दाखिल होने के लिए परीक्षा दी थी. वह एमपीएसी  महाराष्ट्र पुलिस की परीक्षाएं और टेस्ट में फर्स्ट क्लास नंबरों से पास हुईं. इस परीक्षा में अव्वल नंबर से पास होने के बाद आज पद्मशीला महाराष्ट्र पुलिस में पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर तैनात हैं. कुछ दिनों पहले तक वह केवल सिलबट्टे बनाया करती थीं और उन्हें कोई नहीं पहचानता था. लेकिन अब उन्हें उस जिले का बच्चा-बच्चा जानता है और जो नहीं जानता वह जानने की इच्छा रखता है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र के छोटे से जिले से आने वाली पद्मशीला ने प्रेम विवाह किया था. उनकी शादी पास के ही गांव में रहने वाले तुकाराम खोब्रागडे से हुई थी. पद्मशीला से पूछने पर पता चला कि उन्होंने शुरूआती दिनों में मजदूरी कर के अपना पेट पाला है. पूरे दिन मिलकर पति-पत्नी जितना कमा लेते थे उतना उनके जीवन यापन के लिए पर्याप्त होता था. लेकिन एक बार ऐसा हुआ जब उसके पति को मजदूरी में मिले 50 रूपए कहीं खो गए. उस दिन पद्मशीला भी काम पर नहीं गयी थीं. उस दिन दोनों ने जिस हालात में अपना दिन काटा उसने उनकी जिंदगी बदल दी. उस दिन को दोनों ने बिना पैसों के बहुत मुश्किलों से गुजारा. पूरी रात वह यही सोचते रहे कि अगर ऐसा ही रहा तो आगे की जिंदगी कैसे कटेगी. इसी कश्मकश में उन्होंने पूरी रात निकाल दी.

पूरी रात सोचने के बाद पति ने यह तय किया कि पद्मशीला को अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखनी चाहिए. सिलबट्टे बेचने के साथ-साथ टाइम मिलने पर पद्मशीला पढ़ भी लिया करती थीं. सिलबट्टे और फल बेचने के साथ पद्मशीला ने स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने एमपीएसी का एग्जाम दिया और पहले ही अटेम्प्ट में पास भी किया. आज वह पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर तैनात हैं और उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो जरा सी भी मुश्किल घड़ी आने पर अपने हाथ खड़े कर देती हैं. पद्मशीला पर यह कहावत बिलकुल फिट बैठती है कि ‘हौसला बुलंद होने पर इंसान कुछ भी कर सकता है.”

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