NEET 2019 में टॉप करने वाले नलिन खंडेलवाल ने खोला राज, बताया कैसे पाई सफलता
पिछले कुछ माह से देश भर में हुई अलग अलग परीक्षाओं के नतीजें आने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में हाल ही में NEET 2019 का रिजल्ट भी घोषित हुआ हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ‘नीट’ की परीक्षा मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन लेने हेतु आयुजोत की जाती हैं. इस परीक्षा में पास होने वाले छात्रों को अपनी रैंक के अनुसार पसंदीदा मेडिकल कॉलेज चुनने की स्वतंत्रता होती हैं. इस ‘नीट’ परीक्षा में पास होकर आप भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) एवं भारतीय दंत परिषद (डीसीआई) से मान्यता प्राप्त मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश ले सकते हैं. इस परीक्षा को देने के बाद ही छात्र एमबीबीएस और बीडीएस जैसी डिग्रियां प्राप्त करते हैं. ये परीक्षा हर साल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाती हैं. साल 2019 की बात करे तो इस बार इस एग्जाम को 14 लाख 10 हजार 755 छात्र ने दिया था. इसमें से 7 लाख 97 हजार 42 स्टूडेंट्स पास हुए हैं. ये परीक्षाएं 5 मई और 20 मई को हुई थी जिनके परिणाम अब आ चुके हैं.
NEET 2019 में इस बार राजस्थान के रहने वाले नलिन खंडेलवाल ने टॉप किया हैं. नलिन ने नीट परीक्षा में 720 में से 701 अंक प्राप्त कर भारत में प्रथम स्थान हासिल किया हैं. नलिन के परसेंटाइल की बात करे तो वो 99.9999 है. इस एग्जाम में दुसरे नंबर पर दिल्ली के भाविक बंसल आए हैं जबकि तीसरे स्थान को उत्तर प्रदेश के अक्षत कौशिक ने हासिल किया हैं. वहीं लड़कियों की लिस्ट में तेलंगाना की माधुरी रेड्डी टॉप पर हैं. माधुरी ने इंडिया लेवल पर 7वीं रैंक हासिल की हैं. नीट एग्जाम के नतीजे आने के बाद सबकी निगाहें नंबर 1 रैंक लाने वाले नलिन पर टिकी हुई हैं. हर कोई यही जानना चाहता हैं कि नलिन ने अपनी पढ़ाई में कौन सी तकनीक लगे जो वो नंबर 1 आया हैं. इस बात का खुलासा खुद नलिन ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान किया हैं.
ये हैं नलिन के नंबर 1 आने का राज
चलिए अब आपको बताते हैं कि नलिन का पढ़ाई करने का कौन सा पैतरा काम आया हैं. नलिन ने मीडिया को बताया कि वे रोजाना 8 घंटे पढ़ाई किया करते थे. इसके साथ ही वे अपनी जीत का पूरा श्रेय टीचर्स को देते हैं. नलिन की सफलता से उनके घर वाले और रिश्तेदार बहुत खुश हैं. इस ख़ुशी के मौके पर सभी ने नलिन की सफलता का जश्न ढोल बाजे के साथ मनाया. साथ ही नलिन के गले में फूलों की माला पहना कर उनका स्वागत भी किया गया.
अक्सर बच्चे रात दिन पढ़ाई में लगे रहते हैं. लेकिन पढ़ाई के साथ दिमाग को थोड़ा रेस्ट देना भी जरूरी होता हैं. पढ़ाई और अन्य कामो का यदि सही टाइम टेबल बना लिया जाए तो ये और भी आसान हो जाता हैं. अन्य परीक्षाओं में टॉप करने वाले विधार्थियों का भी यही कहना हैं कि पढ़ाई के साथ थोड़ा प्ले टाइम भी जरूरी होता हैं. इसके साथ ही आपको टॉप करने के प्रेशर के साथ नहीं पढ़ना होता हैं बल्कि आप खुद पर विश्वास रख चीजों को अच्छे से समझते हैं और अपने बेस्ट देते हैं.