राष्ट्रपति भवन: मुगल गार्डन का नाम अब अमृत उद्यान, BJP ने किया स्वागत, देशवासी गदगद
केंद्र सरकार ने अपने एक और बड़े फैसले से विपक्षियों को चारों खाने चित कर दिया है. राष्ट्रपति भवन के ‘मुगल गार्डन’ का इतिहास खत्म हो गया है. राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को अब नया नाम ‘अमृत उद्यान’ दे दिया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार, 29 जनवरी की सुबह 11 बजे अमृत उद्यान की औपचारिक शुरुआत भी कर दी है.
‘अमृत महोत्सव’ की थीम पर रखा नाम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ‘अमृत उद्यान’ की ग्रैंड ओपनिंग हुई है. बता दें कि आजादी के 75 सालों को केंद्र सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रुप में मना रही है और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (Azadi ka Amrit Mahotsav) की थीम पर ‘मुगल गार्डन’ को अब ‘अमृत उद्यान’ नाम दिया गया है.
आम जनता के लिए कब खुलेगा ‘अमृत उद्यान’ ?
अमृत उद्यान की शुरुआत द्रौपदी मुर्मू ने अपने हाथों से की. वहीं आम जनता इसकी सुंदरता और भव्यता का लुत्फ़ 31 जनवरी से उठा सकेगी. बता दें कि आम जनता के लिए अमृत उद्यान 26 मार्च तक खुला रहेगा.
BJP ने किया फैसले का स्वागत, विरोधियों ने खड़े किए सवाल
भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर लिखा कि, ”राष्ट्रपति भवन में प्रतिष्ठित उद्यान का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के लिए माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का धन्यवाद. यह नया नाम न केवल एक और औपनिवेशिक पहचान को समाप्त करने का प्रतीक है, बल्कि अमृत काल के लिए भारत की आकांक्षाओं को भी दर्शाता है”.
Welcome and thank Hon’ble @rashtrapatibhvn Smt. Droupadi Murmu ji for renaming the iconic gardens at the President House as ‘Amrit Udyan.’
This new name not only shreds yet another symbol of colonial relic but also reflects India’s aspirations for the #AmritKaal. pic.twitter.com/mmlmwQDm0o
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) January 28, 2023
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अमृत उद्यान की नई पट्टिका का वीडियो ट्विटर पर साझा कर लिखा कि, ”स्वागत, स्वागत, स्वागत”. उनके इस ट्वीट से समझा जा सकता है कि वे भी इस फैले से बेहद खुश है.
Welcome welcome welcome
दिल्ली-मुगल गार्डन का नाम बदला गया pic.twitter.com/Eet0NwURBk
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) January 28, 2023
वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर कहा कि, ”अमृत काल में गुलामी की मानसिकता से बाहर आने की दिशा में मोदी सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है. राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा”.
‘अमृतकाल’ में ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर आने के क्रम में मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक फैसला…
राष्ट्रपति भवन में स्थित “मुगल गार्डन” अब “अमृत उद्यान” के नाम से जाना जाएगा।#AmritUdyan pic.twitter.com/4NstQx7zML
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 28, 2023
तो दूसरी ओर विपक्षी नेताओंने इस पर ऐतराज जताया है. सपा नेता अबू आजमी का कहना है कि, इस देश के इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है. फिर भी इतिहास मिटाया नहीं जा सकता, इतिहास लिखा नहीं जाता, रचा जाता है. हमारे यहां टीपू सुल्तान के नाम पर एक मैदान था, इन्होंने सत्ता में आते ही सबसे पहले मैदान का नाम बदला. टीपू सुल्तान तो देश को बचाने के लिए सबसे आगे थे, ऐसी मिसाल देश में कहीं मिलती नहीं है.
वहीं सपा नेता अमीक जमी ने विवादित बयान देते हुए कहा कि अमृत महोत्सव का नाम जहर महोत्सव कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि, फर्जी देशभक्त जो अंग्रेजों के पिट्ठू थे, उनको फ्रीडम स्ट्रगल का हीरो बताया जा रहा है.
नाम बदलने से इतिहास नहीं बदले जाते, सरकार एक नैरेटिव बनाने के लिए हिंदुत्व का एजेंडा मजबूत करने के लिए यह सब कर रही है. वहीं एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान और कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी इस मामले पर सवाल खड़े किए है.