इस कलयुगी माँ ने दी अपने बेटे एक ऐसी चीज़, जिसे देख सब सन्न रह गए
कहते हैं इस दुनिया में भगवान के बाद अगर कोई पूजनीय है तो वह एक औरत है. औरत को देवी का दर्ज़ा दिया जाता है. भले हमारे समाज में औरतें आज लड़कों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भी औरतों को मर्दों के मुकाबले नीच समझा जाता है. हालांकि, औरत का जीवन भगवान ने बेहद सोच समझ के बनाया है. क्यूंकि एक औरत ही एक माँ बनने का सुख और गौरव हासिल कर सकती है. ऐसे में अपनी संतान को नो महीने में कोख में रखने के बाद वह हर तरह के दर्द झेल कर अपनी औलाद को जन्म देती है और उसके छोटे से छोटे दर्द में सहर उठती है.
एक बच्चे के जीवन में मां का दर्जा क्या होता है यह उस बच्चे से पूछ सकती है या उस मां की ममता से कि उसके जीवन में बच्चे का क्या महत्व है।एक मां अपने बच्चे की ममता के मोह में क्या क्या कर सकती है. इसका अंदाजा तो आप लगा सकते हैं। एक बच्चे का भविष्य बनाना एक मां के लिए होता है वह चाहे तो उसे बिगाड़ सकती है और चाहे तो एक अच्छा इंसान भी बना सकती है। कहते हैं कि एक बेटा अपनी माँ के लिए बेकार हो सकता है लेकिन एक मां कभी भी अपने बेटे के लिए बेकार नहीं होती है। लेकिन आज हम आपके सामने कैसे सच्ची घटना लाए हैं जिसमें एक माता अपने बेटे के लिए कुमाता बन गई है मतलब उसे पूरी तरह से बिगाड़ देने के बाद भी जब वह जेल चला गया है तब भी उसका वो खत्म नहीं हुआ है। आइए जानते हैं पूरी घटना-
परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि कोई औरत अपने ही बच्चों को मौत का रास्ता दिखाएगी? हैरान मत होईये मगर आज हम आपको जिस माँ की कहानी बताने जा रहे हैं, वह आपके होश उड़ा देगी. एक मां का प्यार एक बेटे के लिए श्राप बन गया जब वह अपने बेटे के लिए ही जेल में अफीम लेकर पहुंची। जी हां आपने बिल्कुल ठीक सुना पूरा मामला फतेहाबाद जिले का है जहां 1 माह कोर्ट की पेशी के दौरान अपने बेटे के लिए अफीम लेकर पहुंची।
जानकारी के अनुसार उस माँ का बेटा पिछले कुछ समय से हिसार जेल में किसी मामले की चलते बंद है जिसका केस कोट में काफी लंबे समय से चल रहा है। केस में सुनवाई के लिए पेशी के चलते माँ अपनी ममता में इतनी अंधी हो गयी की बेटे के लिए कोर्ट में ही अफीम लेकर पहुंच गई।
जब पुलिस को शक हुआ तो उन्होंने उस औरत की तलाशी लेनी चाही। उस दौरान उस औरत के कपड़े में लपटी हुई एक पोटली मिली जिसमे13 ग्राम अफीम थी। पुलिस ने उसे देखते ही हरकत में आ गई और अफीम अपने कब्जे में ले ली। और उस महिला को अदालत बाहर जाने के लिए कह दिया। क्या एक माँ का प्यार इतना भी अंधा हो सकता है कि एक माँ अपने बेटे को अफीम के रूप में जहर देंने कोर्ट पहुच गयी जहां वह पहले से ही अपने कर्मो की सजा भुगत रहा था।